हीरा उगलती धरती पन्ना और विकास की दिशा
दीपक शर्मा
पन्ना २८ दिसंबर ;अभी तक ; भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था पर देश की समृद्धि निर्भर करती है। मध्य प्रदेश का पन्ना जिला, अपनी प्राकृतिक सुंदरता और हीरे की खदानों के लिए प्रसिद्ध होने के बावजूद आर्थिक दृष्टि से पिछड़ा हुआ है। यहां की औसत वार्षिक आय राष्ट्रीय स्तर की तुलना में काफी कम है। इसी पृष्ठभूमि में केंद्रीय विद्यालय के छात्र लक्ष्य मिश्रा द्वारा 150 लोगों पर आधारित एक सर्वेक्षण किया गया, जिसमें पन्ना की समस्याओं और संभावनाओं पर चर्चा की गई।
पन्ना की आर्थिक स्थिति का आंकलन पन्ना की जनसंख्या लगभग 10 लाख है, जिसमें से 80 प्रतिशत लोग ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करते हैं। इसे 2006 में देश के पिछड़े जिलों की सूची में शामिल किया गया था। यहां मुख्य समस्याओं में प्राकृतिक संसाधनों का सही उपयोग न होना, शिक्षा की कमी, औद्योगिकीकरण का अभाव, कृषि समस्याएं, और प्राकृतिक आपदाएं जैसे सूखा व अनियमित मानसून शामिल हैं। साक्षरता दर मात्र 65 प्रतिशत है और मध्यम तथा बड़े उद्योगों की भारी कमी है।
सर्वेक्षण के मुख्य निष्कर्ष लक्ष्य मिश्रा द्वारा किए गए सर्वेक्षण से यह निष्कर्ष निकला कि पन्ना में स्वरोजगार की प्रबल इच्छा तो है, लेकिन पूंजी की कमी इसका मुख्य अवरोध है। 55 प्रतिशत प्रतिभागियों ने महंगाई को प्रमुख समस्या बताया, जबकि 76.5 प्रतिशत लोगों ने औद्योगिकीकरण की कमी को विकास में बाधा माना। वहीं, 94.4 प्रतिशत प्रतिभागियों ने पर्यटन को विकास का एक मजबूत साधन माना। कम आय के प्रमुख कारण पन्ना में कम वार्षिक आय के पीछे कई कारण हैं। इनमें शिक्षा और कौशल की कमी, रोजगार के सीमित अवसर, प्राकृतिक संसाधनों का गलत उपयोग, और सरकारी योजनाओं की जानकारी का अभाव शामिल हैं। इन समस्याओं के कारण न केवल लोगों की आय कम है, बल्कि उनकी जीवनशैली भी प्रभावित हो रही है। आर्थिक स्थिति सुधारने के उपाय पन्ना की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए कई महत्वपूर्ण उपाय हैं, जैसे कि शिक्षा और कौशल विकास के तहत युवाओं और महिलाओं को डिजिटल व तकनीकी शिक्षा देने के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना। कृषि सुधार के लिए सिंचाई सुविधाओं को बेहतर बनाना और जैविक तथा व्यावसायिक खेती को बढ़ावा देना आवश्यक है, जिससे किसानों की आय में वृद्धि हो। औद्योगिकीकरण और उद्यमिता के लिए छोटे उद्योगों की स्थापना को बढ़ावा देना और युवाओं को स्टार्टअप के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना महत्वपूर्ण है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पन्ना राष्ट्रीय उद्यान और हीरा खदानों को विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है, जिससे रोजगार के अवसर मिलेंगे। इसके साथ ही सरकारी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन और जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को लाभ दिलाना भी जरूरी है। निष्कर्ष पन्ना प्राकृतिक संसाधनों और पर्यटन की संभावनाओं से भरपूर है, लेकिन आर्थिक रूप से पिछड़ा है। शिक्षा, कौशल विकास, औद्योगिकीकरण, कृषि सुधार और पर्यटन के ठोस कदमों से इसकी आय और जीवन स्तर में सुधार संभव है।