प्रदेश

फीम की तस्करी करने वाले आरोपी को 4 वर्ष कारावास एवं 25,000 रूपये जुमार्ने से दंडित किया

महावीर अग्रवाल

 मंदसौर 11 मई अभीतक ।  माननीय विषेष न्यायधीष महोदय (एन.डी.पी.एस. एक्ट) मंदसौर द्वारा आरोपी महेन्द्रसिंह पुत्र सरदारसिंह सिसौदिया, आयु लगभग-25 वषर्, निवासी-ग्राम बापच्या, तहसील-सीतामऊ, जिला-मन्दसौर को अवैध रूप से मादक पदाथर् अफीम की तस्करी करने के आरोप का दोषी पाकर 04 वषर् के सश्रम कारावास एवं 25,000 रूपये जुमार्ने से दंडित किया गया।
         अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी दीपक जमरा द्वारा घटना के संबंध में बताया कि दिनांक 28.10.2016 को थाना भावगढ़ के ए.एस.आई. राजाराम वमार् को मुखबिर द्वारा सूचना मिली कि दो व्यक्ति काले रंग की मोटरसाइकिल से अवैध मादक पदाथर् अफीम बैग में भरकर आक्या तरफ से सरसौद-निम्बोद बेहपुर एवं नांदवेल होते हुए राजस्थान की तरफ जा रहे है। मुखबिर सूचना विश्वसनीय होने से मय फोसर् एक टीम को रवाना किया गया, जो बेहपुर-निम्बोद के बीच गौशाला के पास पहुंची ओर नाकेबंदी की, थोड़ी देर में मुखबिर के बताए अनुसार निम्बोद की ओर से काले रंग की बजाज पल्सर मोटरसाइकिल पर 2 व्यक्ति आते हुए दिखे उक्त व्यक्ति पुलिस को देखकर पलटने लगे थे, जिसे हमराह फोसर् की मदद से पकड़ा था, उक्त व्यक्ति से नाम, पता पुछने पर मोटरसाइकिल चलाने वाले व्यक्ति जिसके कंधे पर जामुनी रंग का बैग टंगा था, ने अपना नाम महेन्द्रसिंह बताया तथा पीछे बैठे व्यक्ति ने अपना नाम दिनेश बताया था, ए.एस.आई. राजाराम वमार् द्वारा आरोपी महेन्द्र की तलाशी लिए जाने पर उसके कंधे पर टगे बैग के अंदर एक पाॅलिथीन की थैली मिली थी, जिसका मुंह सुथली से बंधा हुआ था जिसे खोलकर देखने पर उसके अंदर काले गाढे़ रंग का पदाथर् भरा हुआ मिला, पीछे बैठे व्यक्ति की तलाशी लिये जाने पर उसके पास कोई आपत्तिजनक वस्तु नहीं मिली, ए.एस.आई. वमार् द्वारा बैग में मिली प्लास्टिक की थैली में भरे पदाथर् को सूंघकर, चखकर, जलाकर देखने पर मादक पदाथर् अफीम होना पाया गया, उक्त मादक पदाथर् अफीम का तौल किये जाने पर वजन 02 किलो 100 ग्राम होना पाया गया, आरोपीगण से पूछे जाने पर आरोपीगण के पास अफीम रखने हेतु कोई वैध अनुज्ञप्ति न होना बताया था। मौके पर ही आरोपी महेन्द्रसिंह एवं दिनेश को गिरफ््तार कर गिरफ््तारी पंचनामा बनाया गया, आरोपीगण के विरूद्व थाना भावगढ़ में अपराध क्रमांक 0457/2016 की प्रथम सूचना रिपोटर् लेखबद्व कर प्रकरण विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान ही जप्तीकतार् एवं साक्षीगण के कथन तथा विवेचना की अन्य औपचारिकताएं पूणर् करने के पश्चात्् आरोपीगण के विरूद्व अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
          विचारण के दौरान प्रकरण में न्यायालय के समक्ष विशेष लोक अभियोजन रखे गये तथ्यो व तकोर् से सहमत होकर साक्ष्य के आधार पर माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी को दोषसिद्ध किया।
           प्रकरण में अभियोजन का सफल संचालन विषेष लोक अभियोजक श्री दीपक जमरा द्वारा किया गया।

Related Articles

Back to top button