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गति शक्ति विश्वविद्यालय और आर्मी व वायु सेना के बीच समझौते पर हस्ताक्षर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एवं रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की मौजूदगी में समझौता

महावीर अग्रवाल
मन्दसौर ,नई दिल्ली ९ सितम्बर ;अभी तक ;   सैन्य कर्मियों को लॉजिस्टिक्स ऑपरेशन में प्रशिक्षित करने और उनकी क्षमता बढ़ाने के मकसद से आज भारतीय सेना, वायु सेना और रेल मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले गति शक्ति विश्वविद्यालय के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। इस दौरान केंद्रीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह एवं केंद्रीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव भी मौजूद रहे। गौरतलब है कि इस समझौते से जहां आर्मी और एयर फोर्स को लॉजिस्टिक्स के मामले में विशेषज्ञता हासिल करने में मदद मिलेगी, वहीं लॉजिस्टिक्स ऑपरेशन यानी रसद संचालन के विभिन्न पहलुओं में क्षमता निर्माण करने और प्रभावशाली रसद प्रणाली विकसित करने में भी सहायता मिलेगी।
                                           यह समझौता पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान 2021 और राष्ट्रीय रसद नीति 2022 को भी मजबूती देने वाला साबित होगा। इसके अलावा यह समझौता भारत को रक्षा क्षेत्र में “आत्मनिर्भर” बनाने के लक्ष्य को भी पूरा करेगा।
                                     इस अवसर पर रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने विश्वास जताया कि गति शक्ति विश्वविद्यालय अत्याधुनिक लॉजिस्टिक संबंधी शिक्षा, अनुसंधान एवं नवाचार के साथ सशस्त्र बलों को सशक्त बनाने की प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण भागीदार के रूप में काम करेगा। रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा, “इस समझौते से रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भरता’ के दृष्टिकोण के अनुरूप सशस्त्र बलों की लॉजिस्टिक्स संबंधी जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी। लॉजिस्टिक्स अब केवल सशस्त्र बलों का एक सहायक कार्य नहीं है, बल्कि यह सैन्य अभियानों और राष्ट्रीय सुरक्षा के एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में उभर रहा है। एक कुशल लॉजिस्टिक्स प्रणाली सुरक्षा बलों को तेजी से जुटाने और कम समय में संसाधनों को सही जगह पर पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जिन परिस्थितियों में हमारी सेनाएं काम करती हैं, उन्हें ध्यान में रखते हुए, हमें सैनिकों, उपकरणों एवं आपूर्ति की निर्बाध आवाजाही की आवश्यकता है। जानकारी, नवाचार और सहयोग के जरिए हमारी सेनाओं की जरूरतों को पूरा करने के नजरिए से यह समझौता बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा।
                                जाहिर है इस समझौते के तहत गति शक्ति विश्वविद्यालय सशस्त्र बलों के कर्मियों के नेतृत्व, प्रबंधन और संचालनात्मक अनुभव के माध्यम से, लॉजिस्टिक्स विशेषज्ञों और प्रबंधकों की एक ऐसी नई पीढ़ी को आकार देने में मदद करेगा, जो आधुनिक युद्ध की बहुआयामी आवश्यकताओं को पूरा करेगा।
                                इस अवसर पर सीडीएस, वायुसेना प्रमुख, सेना प्रमुख, रक्षा सचिव, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और गतिशक्ति विश्वविद्यालय के कुलपति सहित रक्षा मंत्रालय और रेल मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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