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कास नाले मे क्षत – विक्षत अवस्था मे मिले बाघ के शव के मामले मे दो माह बाद 6 आरोपी गिरफतार

आनंद ताम्रकार

बालाघाट २१ मई ;अभी तक; वारासिवनी – परियोजना परिक्षेत्र वारासिवनी के अंतर्गत 17 मार्च को सावंगी के समीप तुमड़ीटोला के कास नाले मे क्षत – विक्षत अवस्था मे मिले वन्य प्राणी बाघ के शव के मामले मे वन विभाग की टीम को पूरे दो महीने बाद सफलता हाथ लगी और वन विभाग की टीम नें 6 आरोपी को इस मामले मे गिरफतार किया है, इन आरोपी द्वारा विधुत करंट की सहायता सें वन्यप्राणी बाघ का अवैध शिकार किया गया।

                                    17 मार्च 2024 से पहले बोदलकसा से लेकर सांवगी एवं आस पास के जंगलों मे वन्यप्राणी बाघ के परिवार द्वारा विचरण करने की लगातार सूचना प्राप्त हो रही थी , जिसका समाचार भी प्रकाशन किया गया था, इसी बीच 17 मार्च को क्षत विछत अवस्था मे तुमडीटोला (सांवगी) के पास कास नाले में वन्यप्राणी नर बाघ का शव मिला गया।
                         शव मिलने से हड़कप मच गया इसेे विभागीय अधिकारी की लापरवाही कहे या फिर कुछ और कारण जो जानकारी के बावजूद बाघ को जंगल की ओर निवासरत क्षेत्र की ओर खदेडने में नाकाम रहे थे , अब जब बाघ का शव मिला तो वन विभाग अमला भी जागा और पूरी मामले की तहकीकात मे जुट गया , दो महीने की तहकीकात मे विभागीय अमले ने तफतीश प्रांरभ की और मुखबिर की सहायता भी ली और आरोपियों को तक पहूचे जिसमे ग्राम बोदलकसा के करीब 6 लोगो को गिरफतार किया गया जो गिरफतार हूए उनमें लेखचंद अब्बास त्रैपन वर्ष, छन्नुलाल मात्रे अठतीस वर्ष, रमेश पंजे ब्यालीस वर्ष, राजकुमार हरदे पैतीस वर्ष, महेश बिसेन पैतीस वर्ष एवं बसंत पन्चेश्वर ब्यालीस वर्ष को गिरफतार कर न्यायालय मे पेश किया गया।
                               आरोपियों ने महेश बिसेन के खेत की बंदी में विधुत करेंट की सहायता से 11 मार्च को वन्य प्राणी बाघ को मारा गया जिसके बाद , 12 मार्च को आरोपी बसंत ,लेखचंद, महेश एवं रमेश द्वारा रस्सी की सहायता सें बाघ के शव कों 200 मीटर घसीटकर चनई नदी के गहरी डोह में कांटे, डगाली, पत्थर से दबाया , दिनॉक 15 मार्च को महेश के छन्नु, राजकुमार को लेकर डोह के पास गये , राजकुमार , महेश ने नाखुन निकाले एवं आपस में बंटवारा किए तथा महेश ने नदी की ओर तेज बहाव में वन्य प्राणी बाघ के शव को धकेल दिया जो बहते हूए दिनॉक 17 मार्च को पाया गया , विभाग नें धारा 2,9,39 के तहत मामला पंजीबध्द किया और जॉच प्रांरभ की दो माह बाद वन विभाग के अमले को सफलता मिली और 6 आरोपी को गिरफतार कर उन्हे न्यायालय मे पेश किया गया।

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