प्रदेश

एम् पी का बुंदेलखंड बना बीजेपी का अजेय गढ़ तो उत्तर प्रदेश में सपा ने लगाई सेंध 

रवीन्द्र व्यास 

 २०२४ के   लोकसभा चुनाव  में देश की दिशा में भले परिवर्तन दिख रहा हो पर एमपी का बुंदेलखंड अभी भी बीजेपी के साथ है |  जबकि उत्तर प्रदेश के  बुंदेलखंड में समाजवादी पार्टी ने सेंध लगाईं है | सागर संभाग की चारों लोकसभा सीट बीजेपी ने औसत ६६. ६३ फीसदी वोट लेकर चार लाख से ज्यादा मतों से जीती | जबकि उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड की चार में से सिर्फ एक सीट बीजेपी ने झांसी की जीती तीन सीट पर समाजवादी पार्टी ने बाजी मारी है |  उत्तर प्रदेश वाले बुंदेलखंड में बीजेपी को ४२ फीसदी मत से संतोष करना पड़ा  है | 

 

                    बुंदेलखंड  में सागर  संसदीय क्षेत्र से बीजेपी प्रत्याशी लता वानखेड़े बुंदेलखंड में   सर्वाधिक मत प्रतिशत पाने वाली नेता बनी |  उनने  ७ लाख ८७ हजार ९७९ (६८. ४९ %) मत  लेकर कांग्रेस के सी बी सिंह बुंदेला को 4लाख 71हजार 222 मत से पराजित किया | कांग्रेस के बुंदेला को ३ लाख १६ हजार ७५७ (२७. ५३ %) मत मिले |   दूसरी तरफ खजुराहो में  बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने   ७लाख ७२हजार ७७४ ( ६६. ६३ %) मत  सर्वाधिक ५लाख ४१ हजार २२९ मत  से बसपा प्रत्यासी कमलेश कुमार को हराया |  उनके प्रतिद्वंदी बसपा के कमलेश को २लाख ३१ हजार ५४५ (२०. ३ %) मत मिले | सर्वाधिक मत के अंतर से  जीतने के बावजूद भी वे बुंदेलखंड में मत पाने वालों में  दूसरे नंबर पर रहे उन्हें सागर की लता वानखेड़े से 1 . 86 फीसदी काम मत मिले | ये जरूर है कि 2019 की तुलना में  वी डी शर्मा को २. १७ फीसदी ज्यादा मत मिले |

             मध्यप्रदेश में खजुराहो  संसदीय सीट सर्वाधिक चर्चा में रही | यहां कांग्रेस ने सपा से गठबंधन किया था  और अपनी जगह सपा का प्रत्याशी उतारा था , सपा ने  मीरा यादव को टिकट दिया , त्रुटि पूर्ण फ़ार्म  के कारण  उनका फ़ार्म निरस्त हो गया | गठबंधन ने यहाँ फॉरवर्ड ब्लॉक के प्रत्याशी और सेवा निवृत्त आई ए एस आर बी प्रजापति को अपना प्रत्याशी घोषित किया | चुनाव में अपनी जमानत तक नहीं बचा सके उन्हें ५०२१५ मत से संतोष करना पड़ा | असल में इंडिया गठबंधन का उन्हें प्रत्याशी तो बना दिया गया किन्तु उनके साथ गठबंधन धर्म का पालन ना सपा ने किया ना कांग्रेस ने किया | यहाँ यह बह दिलचस्प है कि यहाँ पिछले चुनाव के मुकाबले ११. ३४ फीसदी कम मतदान हुआ था |

                                आठ बार से सांसद का चुनाव जितने वाले केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार ने   टीकमगढ़ सुरक्षित संसदीय सीट से चौथी बार चुनाव  जीता | उन्होंने ७लाख १५ हजार ५० (६५. १ %) मत लेकर कांग्रेस के पंकज अहिरवार को 4 लाख 03 हजार 312 वोटों से पराजित किया | पंकज गठबंधन के उम्मीदवार थे उन्हें ३लाख ११ हजार ७३८ (२८. ३८ % ) मत मिले | टीकमगढ़ में डॉ वीरेंद्र कुमार का हर चुनाव में मत प्रतिशत बड़ा है | २००९ में उन्हें १६. 54 % २०१४ में २७. ६७ % २०१९ में 61. २६ फीसदी मत मिले थे | इस लोक सभा सीट पर कुल सात उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे जिनमे से बसपा के डिल्लीराम  अहिरवार को ३२६७३ (२. ९७%) वोट मिले |  

                      मूलतः सागर जिले के रहने वाले  वीरेंद्र खटीक 1996 से लेकर 2009 तक  सागर लोकसभा सीट से चार बार चुनाव लड़ा और  चुनाव जीता |2009 में  सागर  लोकसभा क्षेत्र सामान्य होने के बाद उन्हें   टीकमगढ़  से प्रत्याशी  बनाया गया , यहां से भी वे लगातार चुनाव जीत  रहे हैं  |  वे ना सिर्फ हर बारबार चुनाव जित रहे हैं बल्कि हर चुनाव में अपने मतों में वृद्धि भी कर रहे हैं | बीजेपी के दिग्गज नेताओं में शुमार डॉ वीरेंद्र  एक सामान्य शैली के नेता माने जाते हैं | २०१४ में भी उन्हें मोदी मंत्री मंडल में स्थान मिला था और २०१९ में उन्हें प्रोटेम स्पीकर भी चुना गया था. | बाद में उन्हें  सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री बनाया गया था | 

                  दमोह लोकसभा क्षेत्र में 14 प्रत्याशी चुनावी रण में थे | यह वह सीट थी जिसपर कांग्रेस बड़ी उम्मीद  थी कि यहाँ से तो जीत मिलेगी ही | असल में यहां कांग्रेस ने बीजेपी के राहुल लोधी के मुकाबले उनके ही मित्र तरबर सिंह लोधी को चुनाव मैदान में उतारा था | कांग्रेस को जातीय समीकरण साधने के बाद यह उम्मीद थी की तरबार लोधियों के ज्यादा वोट ले जाएगा जिसके चलते समीकरण उसके पक्ष में हो जाएंगे | इसी के चलते कांग्रेस ने यहां प्रियंका गांधी की सभा बह कराई थी | पर चुनाव परिणाम ने सब किये कराये पर पानी फेर दिया | बीजेपी के राहुल लोधी को  ७लाख ९ हजार ७६८ (६५. १८ %) जबकि उनके प्रतिद्वंदी कांग्रेस के  तरबर सिंह लोधी को ३ लाख ३हजार ३४२ (२७. ८६%) मत ही मिले | राहुल ने तरबर को ४लाख ६ हजार ४२६ मत से करारी शिकस्त दी | यहाँ बसपा गोरधन राज को २१४०४ (१. ९७%) मत से ही संतोष करना पड़ा |                                              दमोह लोकसभा क्षेत्र में २०१४_और २०१९ के चुनाव में प्रहलाद पटेल ने चुनाव जीता था | २०१९ के चुनाव में पटेल को ६०. ५१ % मत मिले थे | पटेल को केंद्रीय मंत्री मंडल में भी जगह मिली थी < विधान सभा चुनाव में उन्हें विधायक के टिकट पर चुनाव लड़ाया गया और वे  मध्य प्रदेश सर्कार में केबिनेट मंत्री हैं | पर राहुल लोधी ने पटेल से ५ फीसदी ज्यादा वोट लेकर अपनी प्रभावी उपस्थिति दर्ज कराई है |

 चार में से एक सीट मिली बीजेपी को 

उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड की चार में से सिर्फ एक सीट बीजेपी ने झांसी की जीती तीन सीट पर समाजवादी पार्टी ने बाजी मारी है |  उत्तर प्रदेश वाले बुंदेलखंड में बीजेपी को ४२ फीसदी मत से संतोष करना पड़ा  है | बीजेपी ने यहाँ अपने पुराने प्रत्याशियों पर ही दांव लगाया था | झाँसी से बीजेपी के अनुराग शर्मा ने कांग्रेस के प्रदीप जैन को १ लाख २ हजार ६१४ मतों से पराजित किया | अनुराग शर्मा को ६लाख ९० हजार ३१६ (५०%) मत मिले जबकि कांग्रेस के गठबंधन उम्मीदवार प्रदीप जैन को ५ लाख ८७ हजार ७०२ मत (४२. ५७%) मिले |बसपा उम्मीदवार रवि प्रकाश को ६३१९२ मत प्राप्त हुए |  2019 में अनुराग शर्मा ५८. ५९ फीसदी मत मिले थे |

जालौन में सपा के नारायण दास अहिरवार ने ५ लाख ३० हजार १८० (४६. ९६%) मत लेकर बीजेपी के भानु प्रताप सिंह वर्मा को ५३ हजार ८९८ मत से पराजित किया | बसपा के सुरेश गौतम ने १ लाख २४८ (८. ८८%) मत लेकर समीकरण जरूर बिगाड़ दिए |

हमीरपुर -महोबा लोकसभा सीट से बीजेपी  के पुष्पेंद्र सिंह चंदेल सपा के अजेंद्र सिंह लोधी से २६२९ मतों से पराजित हो गए | चंदेल को ४ लाख ८८ हजार ५४ (४३.७६%) मत मिले जबकि अजेंद्र सिंह को ४ लाख ९० हजार ६८३(४४ %) मत मिले | बसपा प्रत्याशी निर्दोष कु दीक्षित को ९४ हजार ६९६ (८. ४९ %) मत मिले | पुष्पेंद्र सिंह चंदेल यहाँ से २०१४ और २०१९ में संसद चुने गए थे | पृथक बुंदेलखंड राज्य की मांग का मुद्दा वे संसद में प्रमुखता से उठाते थे |

बांदा  संसदीय क्षेत्र से सपा की कृष्णा देवी पटेल ने ४ लाख ६ हजार ५६७ (३८. ९४%) वोट लेकर बीजेपी के सांसद आर के सिंह पटेल को ७१२१० मतों से पराजित किया | 2019 में आर के सिंह पटेल को ४६. १८ % मत मिले थे  इस बार उन्हें मात्र  ३२. १२ फीसदी मत ही मिले | 

                                                 

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