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बाओबाब वृक्षों मामले में जवाब पेष करने मिला एक सप्ताह सप्ताह का समय, सरकार के आग्रह पर हाईकोर्ट ने दी राहत

सिद्धार्थ पांडेय
जबलपुर ३ अगस्त ;अभीतक ; हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विषाल मिश्रा की युगलपीठ ने संज्ञान याचिका की सुनवाई करते हुए धार जिले में बाओबाब वृक्षों की कटाई, बिक्री तथा परिवाहन पर रोक बरकरार रखी है। युगलपीठ ने सरकार को निर्देषित दिया है कि वह एक सप्ताह में जवाब पेष करो। याचिका पर अगली सुनवाई 9 अगस्त को निर्धारित की गयी है।
                            गौरतलब है कि धार जिले में बाओबाब के पेडों को काटने, बिक्री करने तथा परिवाहन की अनुमत्ति दिये जाने संबंधित एक अंग्रेसी अखबार में खबर प्रकाषित हुई थी। खबर में कहा गया था कि क्षेत्रीय नागरिक बाओबाब वृक्ष काटने का विरोध कर रहे है। बाओबाब पेड को आफ्रीका में द वर्ल्ड ट्री की उपाधि दी गयी है। अफ्रीका के आर्थिक विकास में इस पेड का बडा महत्व है। हैदराबाद के एक व्यापारी अपने फार्म में इन पेडों की खेती और आर्थिक लाभ के लिए उनकी कटाई कर बैच रहा है। एक पेड का मूल्य 10 लाख रूपये से अधिक है। जिसके कारण दूसरे लोग भी अपने खेत में लगे पेड को बैचने के लिए काट रहे है।
                          हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने प्रकाषित खबर को संज्ञान में लेते हुए उसकी सुनवाई जनहित याचिका के रूप में करने के निर्देष दिये थे। हाईकोर्ट ने संज्ञान याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद धार जिले में बाओबाब के पेडों की कटाई,बिक्री तथा परिवाहन पर रोक लगाते हुए प्रदेष सरकार के मुख्य सचिव,वन विभाग के प्रमुख सचिव,आयुक्त तथा सीसीएफ इंदौर,कलेक्टर व सीईओ जिला पंचायत को नोटिस कर जवाब मांगा था।
                              याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से जवाब पेष करने के लिए समय प्रदान करने का आग्रह किया गया। युगलपीठ ने सरकार के आग्रह को स्वीकार करते हुए एक सप्ताह में जवाब पेष करने निर्देष जारी किये है।

 

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