प्रदेश

जिले के दोनो बाधो के गेट  मंगलवार को खोलने की  तैयारी: जारी किया अलर्ट

मयंक शर्मा
खंडवा ५ अगस्त ;अभी तक; प्रदेश के कई इलाकों में हो रही भारी बारिश के बाद नर्मदा नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है। नर्मदा नदी पर बने इंदिरा सागर  और ओंकारेश्वर दोनों बांधों के पावर हाउस से बिजली उत्पादन के बाद भी जलस्तर नियंत्रित नहीं होने से एनएचडीसी द्वारा गेट खोलने के लिए खंडवा सहित आसपास के चार जिलों के प्रशासन को पत्र जारी किया गया है।
                                 इंदिरा सागर परियोजना प्रमुख अजित कुमार ने बताया कि छह अगस्त को दोपहर तीन बजे से इंदिरा सागर बांध के आठ मुख्य स्पिल्वें गेट ढाई मीटर तथा चार मुख्य स्पल्वें गेट तीन मीटर खोलकर 7412 क्युमेक्स तथा पावर हाउस से 1840 क्यूमेक्स पानी छोड़ा जाएगा। इससे नर्मदा में कुल 9252 क्युमेक्स पानी छोड़े जाने की संभावना है।
                                  इंदिरा सागर बांध से पानी की आवक को देखते हुए ओंकारेश्वर बांध प्रबंधन भी उसी अनुपात में पानी की निकासी करेंगा। यहां टरबाइन चलाकर बिजली का उत्पादन के अलावा बांध के गेट खोलकर नौ हजार क्यूमेक्स पानी नर्मदा के निचले क्षेत्रों में पहुंचेगा।
                         ओंकारेश्वर बांध परियोजना प्रमुख धीरेंद्र द्विवेदी ने कहा कि  ओकारेश्वर बांध का जलस्तर अभी 195.27 मीटर है। नम्र्रदा घाटी के अप स्टीम में तवा व बरगी बांध के गेट खोलकर छोडे गये और इंदिरा सागर बांध में  आ रहे पानी से बढ रहा जलस्तर के कारण यहां  गेट खोलकर पानी निकाला  जाएगा।
                          ओंकारेश्वर बांध  लबालब होने के कगार पर हैं। ऐसे में इन बांधों में पानी की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए गेट खोले जा रहे हैं। इसको लेकर कई जिलों में अलर्ट जारी किया गया है।
बांधों के गेट, खुलने को लेकर  खंडवा, देवास, खरगोन, बड़वानी, धार, हरदा जिले में  अलर्ट जारी है।
                               मंगलवार को दोनों बांध के गेट खोलने की चेतावनी बांध प्रबंधन ने जारी की है। इससे नर्मदा का जलस्तर बढ़ने से लोगों को नदी के किनारों से दूर रहने की हिदायत दी गई है।
                           इंदिरा सागर बांध का जल स्तर 258.70 मीटर पर पहुंच गया है। अगस्त में बांध का जलस्तर 260 मीटर रखा जाता है जबकि निर्धारित उंचाई 262.13 मीटर है। यहा करीब 10 हजार क्यूमेक्स पानी की आवक होने से इंदिरा सागर जलाशय का जलस्तर बढ़ रहा है। जलस्तर नियंत्रित रखने के लिए बांध से पानी छोड़ने का निर्णय एनएचडीसी प्रबंधन ने लिया है।

 


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