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दशपुर रंगमंच ने महान पार्श्व गायक मुकेश को 101 जयंती पर दी स्वरांजलि

महावीर अग्रवाल 

 
मन्दसौर २४ जुलाई ;अभी तक;  भारतीय सिनेमा जगत के महान पार्श्व गायक मुकेश की 101वीं जयंती पर दशपुर रंगमंच मंदसौर द्वारा स्वरांजलि दी गई। कार्यक्रम में सुर-साधकों ने मुकेश के ही गाए गीतों को आवाज दी।
                                    इस अवसर पर दशपुर रंगमंच के संचालक अभय मेहता ने कहा कि मुकेश फिल्म उद्योग में सबसे महान पुरुष पार्श्व गायकों में से एक माने जाते थे। उनकी आवाज में एक अनोखी और मार्मिक गुणवत्ता थी जो लोगों को गइराई से भावुक कर जाती थी। आज भी उनके गीत दिल को छू जाते है।
संगीत संध्या की शुरुआत आबिद भाई ने ‘‘संसार है इक नदिया दुख सुख दो किनारे है’’ से की। अभय मेहता ने ‘‘ये मेरा दिवाना पन है या मोहब्बत का सुरूर’’ सुनाकर मुकेशजी को श्रद्धांजलि दी। स्वाति रिछावरा ने गीत ‘‘सुहाना सफर और ये मौसम हंसी’’ को सुनाकर सुहाने मौसम को दर्शित किया। सतीश सोनी ने गीत ‘‘चल मेरे दिल लहरा के चल मौसम भी है, वादा भी है’’ को सुनाया।
लाल बहादुर श्रीवास्तव ने मुकेश के सदाबहार गीत ‘‘जो तुमको हो पसंद वही बात कहेंगे’’ को प्रस्तुत किया। पुलिस कर्मी नरेन्द्र सागोरे ने ‘‘एक प्यार का नगमा है, मौजों की रवानी है’’ को सुनाया। हिमांशु वर्मा ने ‘‘तोबा ये मतवाली चाल’’, सिमरन बैलानी ने ‘‘फूल तुम्हे भेजा है खत में फूल नहीं मेरा दिन है’’ राजकुमार अग्रवाल ने ‘‘रमैया वस्ता वय्या’’, पुलिस कर्मी तेजकरण चौहान ने ‘‘आ लोट के आजा मेरे मीत’’ सुनाया।
ललिता मेहता ने गीत ‘‘कोई जब तुम्हारा हृदय तोड़ दे, श्याम गुप्ता ने ‘‘दिवानों से मत पूछों दिवानों पर क्या गुजरी है‘‘, योगेश गोविन्दानी ने ‘‘ओहरे ताल मिले नदी के जल में‘‘ सहित राजा सोनी ने मुकेश के गीत की प्रस्तुति दी। इस दौरान राजा सोनी का जन्मदिन भी मनाया। अंत में आभार ललिता मेहता ने व्यक्त किया।

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