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दशपुर रंगमंच ने काव्य संध्या का आयोजन किया, कवियों ने बटोरी दाद

महावीर अग्रवाल 

मन्दसौर १९ जुलाई ;अभी तक;  दशपुर रंगमंच मंदसौर द्वारा ने काव्य संध्या का आयोजन किया। जिसमें कवियों द्वारा सुनाई कविताओं ने खूब दाद बटोरी।
                              कार्यक्रम की शुरुआत अभय मेहता ने ‘‘खूने जिगर की दिल की कलम से लिखा है, खत तेरे नाम’’ से की। आबिद शाह ने कविता ‘‘मेरी सलामती के लिये तुम्हारी एक मुस्कान ही काफी है’’ सुनाई। हिमांशु वर्मा ने ‘‘हमें पता है कश्ती है साहिल पर पहुंच जायेगी’’ सुनाकर मुश्किलों में हिम्मत नहीं हारने की सीख दी। हरिश दवे ने कवियों के निर्भिक एवं खूले विचार को प्रस्तुत करती कविता ‘‘कवि किसी भाड़े का गुलाम नहीं होता’’ सुनाई।
                               डॉ. नीलेश नगायच ने वर्तमान परिप्रेक्ष्य को प्रस्तुत कविता ‘‘मुझे यह आजादी समझ नहीं आ रही’’ को सुनाया। ललित बटवाल ने कविता ‘‘हर हश्र में मेघा बरसे विरहाग्नि के नैना बरसे’’ को सुनाया। स्वाति रिछावरा ने पर्यावरण संरक्षण पर कविता ‘‘आओ पर्यावरण दिवस मनाये, मिल जूल के पेड़ लगाये’’ को सुनाया। ललिता मेहता ने ‘‘उम्र थोड़ी सी हमको मिली थी मगर’’ काव्य पाठ किया।
                                 इस अवसर पर लेखक व कवि हरीश दवे का जन्मदिन भी मनाया गया। फैनी जैन, सतीश सोनी, योगेश गोविन्दानी, श्याम गुप्ता, सिमरन बेलानी ने भी प्रस्तुति दी। संचालन अभय मेहता ने किया व आभार सचिव ललिता मेहता ने माना।

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