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ये जमीं गा रही है, आसमां गा रहा है, दशपुर रंगमंच ने गीतों से सजी संगीत संध्या आयोजित की

महावीर अग्रवाल 

मन्दसौर १७ जुलाई ;अभी तक;  नगर की सांस्कृतिक संस्था दशपुर रंगमंच मंदसौर द्वारा विभिन्न गीतों से सजी संगीत संध्या का आयोजन किया।
कार्यक्रम की शुरुआत राजकुमार अग्रवाल ने सदाबहार गीत ‘‘ये जमी गा रही है, आसमां गा रहा है’’ से की। योगेश गोविन्दानी ने ‘‘दिन ऐसे गुजरता है कोई’’ को सुनाया। हिमांशु वर्मा ने ‘‘किसी राह में किसी मोड़ पर, कही चल ना देना तू छोड़कर’’ की सुमधुर प्रस्तुति दी। डॉ. निलेश नगायच ने गीत ‘‘जब-जब बहार आई फूल मुस्कराये, मुझे तुम याद आये’’ को सुनाया।
अभय मेहता ने गीत ‘‘टूटे हुए ख़्वाबों ने हमको ये सीखाया‘‘ सुनाकर तालियां बटोरी। लोकेन्द्र पाण्डे ने गीत ‘‘आप जिनके करीब होते है’’को बखूबी निभाया। ललित बटवाल ने ‘‘पग घुंघरू बांध मीरा नाची रे’’ को प्रस्तुत किया। काजल वर्मा ने गीत ‘‘पतझड़ सावन बसंत बहार को सुनाया।
ललिता मेहता ने आज के परिदृश्य को प्रदर्शित करते हुए गीत ‘‘दुनिया बनाने वाले क्या तेरे मन में समाई, काहें को दुनिया बनाई’’ को सुनाया। आबिद भाई ने ‘‘इस भरी दुनिया में कोई भी हमारा न हुआ तथा सतीश सोनी  ने गीत ‘‘ जो तुमको हो पसंद वही बात कहेंगे’’ को सुनाया।
संगीत संध्या का संचालन अभय मेहता ने किया व आभार ललिता मेहता ने माना।

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