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डॉ. राजपूत के खिलाफ दर्ज किये गये फर्जी प्रकरण तथा स्थानांतरण को लेकर अजयगढ़ क्षेत्र के ग्रामीणो में भारी आक्रोश

दीपक शर्मा

पन्ना ३० जुलाई ;अभी तक; पन्ना जिले के अजयगढ़ सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र में पदस्थ रहें तत्कालीन बीएमओ डॉ. केपी राजपूत का राजनैतिक षडयंत्र के चलते स्थानांतरण किया गया तथा उसके बाद उनके खिलाफ मनमाने ढंग से आपराधिक प्रकरण भी दर्ज कराया गया। जिसको लेकर क्षेत्रीय लोगो ने प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर प्रतिनिधि एसडीएम संजय नागवंशी को ज्ञापन सौपकर मामले की निश्पक्ष जांच कराये जाने की मांग की है तथा राजपूत के उपर लगें फर्जी मामले को भी वापिस लेने का अनुरोध किया है।

लोगो ने बताया कि अजयगढ़ क्षेत्र में मात्र एक ही डॉक्टर था जो लगातार अपनी सेवाए करोना काल मे भी देते रहें। उसके बावजूद षडयंत्र पूर्वक उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया गया तथा स्थानान्तरण कराया गया। उक्त मामले मे अजयगढ क्षेत्र के सर्वदलीय और सर्व समाज के लोगों ने एक स्वर में आरोप लगाया कि सत्ता के नशे में चूर लोगों ने डॉ. राजपूत को दुर्भावनावश प्रताड़ित करने की मंशा से उनका अजयगढ़ से स्थानांतरण कराया और फिर गवन का मामला गढ़कर फर्जी एफआईआर दर्ज कराई गई।

ज्ञापन सौंपने आये लोगो ने डॉ. राजपूत के समर्थन में एकजुटता प्रदर्शित करते हुए एलान किया है कि यदि शीघ्र ही उनके विरूद्ध दर्ज फर्जी एफआईआर निरस्त नहीं की गई तो उग्र आंदोलन किया जायेगा। साथ ही सत्ता का दुरूप्रयोग कर लोगों को प्रताडित करने वालों को वोट की ताकत से करारा जवाब दिया जायेगा। ज्ञापन सौंपने वालों में कांग्रेस पार्टी, भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी विभिन्न सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी एवं क्षेत्र के आमजन शामिल रहे। ज्ञात हो कि डॉ. केपी राजपूत योग्य ईमानदार एवं मिलनसार चिकित्सक है। वर्ष 2022 में उनके विरूद्ध फर्जी शिकायत की गई थी जिसकी जांच में अधिकांश आरोप पूर्णतः असत्य एवं निराधार पाये गये थे। सिर्फ मजदूरो से सफाई के अतिरिक्त अन्य कार्य करवाने के मामले में लापरवाही सामने आई थी। बाद में डॉ. राजपूत के प्रति दुर्भावना रखने वाले सत्ताधारी दल के जनप्रतिनिधि ने कथितौर पर उनके आधिनस्थ कर्मचारी लेखा वीरेन्द्र चौधरी पर दबाव बनाकर भोजन के बिल भुगतान के संबंध में झूठे बयान दिलाकर एफआईआर दर्ज करवा दी गई। सुनियोजित साजिस के तहत पूर्व में डॉ. राजपूत का जिले के बाहर स्थानांरण कराना एवं उनके विरूद्ध आधा दर्जन धाराओं में शासकीय राशि के गवन की कथित फर्जी एफआईआर कराये जाने से अंचल के लोगों में आक्रोश व्याप्त है।

उक्त ज्ञापन देने वालो मे वरिष्ठ अधिवक्ता शारदा प्रसाद सिंगरौल ने डॉ0 के ऊपर दर्ज फर्जी एफआईआर को लेकर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि यदि ईमानदार डॉ. को जल्द ही इंसाफ नहीं मिला तो अजयगढ़ में बृहद आंदोलन किया जायेगा। इसी प्रकार कांग्रेस नेता भरत मिलन पाण्डेय ने डॉ. राजपूत के स्थानांरण को लेकर पन्ना के भाजपा विधायक बृजेन्द्र प्रताप सिंह का नाम लिये बगैर उन पर जमकर हमला बोला। कांग्रेस नेता पाण्डे ने कहा कि जिस जिले में व विकासखण्ड में डॉक्टरों के 80 फीसदी से अधिक रिक्त पद पड़े है। वहां से एक योग्य डॉ. को स्थानांतरित करवाकर सत्ताधारी दल के जनप्रतिनिधि ने क्षेत्र की जनता को तकलीफ को बढ़ाने का काम किया है। किसान नेता जयराम यादव ने कहा कि डॉ. राजपूत को झूठे मामले में फंसाये जाने की न्यायिक जांच कराकर दर्ज एफआईआर को निरस्त किया जाये। किसान नेता कमलेश पटेल बाबा ने कहा कि पन्ना विधानसभा क्षेत्र में पहली बार लोगों को चिन्हित करके प्रताड़ित करने का काम सुनियोजित तरीके से किया जा रहा है यह अत्यंत ही आपत्तिजनक और असहनीय है। सभी नें एक स्वर में कहा कि यदि उक्त मामले पर विचार नही किया गया तो अजयगढ क्षेत्र से हजारो की संख्या मे लोग जिला मुख्यालय पंहचुकर बड़ा आन्दोलन करेगें।

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