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गांधी सागर अभयारण्य में चीता प्रोजेक्ट के लिए लगाए गए पिल्लर और बाड़े की जालियों का पहली बारिश में टूटना गंभीर मामला

महावीर अग्रवाल
मंदसौर ३१ जुलाई ;अभी तक;  मंदसौर जिले के गांधी सागर वन अभ्यारण्य क्षेत्र को चीता प्रोजेक्ट के अनुकूल बनाने के तहत निर्मित किए गए पिल्लर और बाड़े की जालियां पहली बारिश में टूट गई है।
                        इस विषय का संज्ञान मिलने पर पूर्व विधायक श्री यशपाल सिंह सिसोदिया ने वन मंत्री श्री रामनिवास रावत को पत्र लिखते हुए दूरभाष पर चर्चा की है।
                            श्री सिसोदिया ने पत्र में लिखा कि मंदसौर जिले के गांधी सागर वन अभ्यारण्य क्षेत्र को अनुकूलता के मापदंडों के अनुसार चीता प्रोजेक्ट के अंतर्गत चयनित किया गया है। विभाग ने इस प्रोजेक्ट को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव तथा आपके निर्देशों के तहत प्रोजेक्ट पर कार्य किया है।
दिनांक 27 जुलाई 2024 को पहली बारिश में निर्मित हुए बाड़े की जालियां तथा पिल्लर क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जबकि भारत सरकार तथा राज्य सरकार करोड़ों रुपए की राशि इस प्रोजेक्ट पर खर्च करने जा रही है। कल्पना करें कि यदि बाड़े में चीते होते और यह घटना जालियों के टूटने की हो जाती, तो जनहानि एवं नागरिकों के मन मस्तिष्क में डर एवं भय की स्थिति निर्मित हो सकती थी।
श्री सिसोदिया ने पत्र में लिखा कि कल ही मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आपकी उपस्थिति में इस प्रोजेक्ट को लेकर मीडिया में वक्तव्य दिया था, शासन की मंशा स्पष्ट है कि यह प्रोजेक्ट जल्द ही मूर्त रूप लेगा। अतः आपसे अनुरोध है कि किए गए निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर कोई समझौता न हो तथा निर्माण कार्य के क्षतिग्रस्त होने पर उसकी जांच किए जाने के आदेश प्रदान करें। ताकि भविष्य में कार्य की गुणवत्ता का ध्यान रखा जाकर जिम्मेदार अधिकारियों की जिम्मेदारी सुनिश्चित की जा सके।

 


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