प्रदेश

टीकमगढ़ नगर पालिका अधिकारी श्रीमती गीता मांझी ने पार्षदों द्वारा परिषद की बैठक बुलाये जाने संबधी ज्ञापन पर वरिष्ठ कार्यालय सागर और भोपाल से मार्गदर्शन माँगा

पुष्पेंद्र सिंह
टीकमगढ़ 18 जुलाई!’अभीतक ‘टीकमगढ़ नगरपालिका के पार्षदों ने, परिषद की बैठक बुलाये जाने हेतु जो  ज्ञापन, कलेक्टर अवधेश शर्मा के समक्ष प्रेषित क्या है वह तथ्य हीन है! इसलिए टीकमगढ़ नगर पालिका अधिकारी श्रीमती गीता मांझी द्वारा,अपने वरिष्ठ कार्यालय सागर और भोपाल, पार्षदों के उस  ज्ञापन के सम्बन्ध में  पत्र लिखकर मार्गदर्शन देने का अनुरोध किया गया है!
                               सीएमओ मांझी ने पत्र में कहा है कि परिषद की बैठक आहूत किये जाने के लिए, जिन मुद्दों जैसे कि त्रेमासिक पत्रक के प्रस्तुतीकरण एवं अन्य लापरवहियो तथा पीआई सी की अवमानना के सम्बन्ध में नगरपालिका अधिनियम के प्रावधान (अभियाचित बैठक हेतु )के अधीन प्रस्तुत नहीं किये गए, जबकि अधिनियम के अनुसार अभियाचित बैठक में प्रस्तुत किये जाने वाले बिन्दुओं का स्पष्ट उल्लेख होना आवश्यक है जबकि ज्ञापन में पार्षदों द्वारा उक्त अधिनियम की अनदेखी की गयी! इसी प्रकार नपा एक्ट ( 1961)की धारा 89के प्रावधानों के मुताबिक यदि किसी नपा कार्यालय में सी एमओ, स्वास्थ्य अधिकारी और इंजीनियर की अनुपलब्धता होने की स्तिथि में शासन द्वारा प्रबंधन हेतु प्रावधान किया गया है उसके अनुसार वहाँ उक्त अधिनियम के मुताबिक बैठक बुला कर व्यवस्था बनाई जा सकती हैं लेकिन धारा 89में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है किसी पदस्थ अधिकारी को हटाया जा सके!
                              टीकमगढ़ नपा के पार्षदों को शायद नपा अधिनियम की जानकारी नहीं है इसीलिए उन्होंने तथ्य विहीन ज्ञापन सौंप कर जिला प्रशासन को गुमराह किया!इस घटना क्रम से ऐसा प्रतीत होता कि शहर के ये जनप्रतिनिधि आम जनमानस और नगर केविकास से जुड़े मुद्दों के बजाय, सी एम ओ को हटाने में ज्यादा दिलचस्पी रखते हैं इसके दो माह पूर्व भी पेयजल संकट को लेकर  नपा अधिकारी गीता मांझी के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश की गयी थी!इन्हें अपने व्यक्तिगत हित के बजाय नगर के विकास हेतु तथ्यात्मक पत्र प्रस्तुत करके बैठक बुलाने के प्रयास करने चाहिए!

 


Related Articles

Back to top button