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हत्या के आरोपीगणों को आजीवन कारावास की सजा, प्रथम अपर न्यायधीश रघुवंशी की न्यायालय द्वारा दिया गया फैसला

दीपक शर्मा

पन्ना २१ सितम्बर ;अभी तक ;  हत्या के तीन आरोपीयों को प्रथम अपर न्यायधीश इन्द्रजीत रघुवंशी की न्यायालय द्वारा अजीवन कारावास की सजा से दण्डि किया गया है।

घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है, सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी शशिकांत द्विवेदी ने बताया कि दिनांक 09.08.2019 को पुलिस चौकी खोरा थाना धरमपुर में फरियादी शराफत हुसैन के बताए अनुसार इस आशय की देहाती नालसी लेख किया कि दिनांक 09.08.2019 को उसे करीब 11ः00 बजे पता चला कि नाकी घाट रून्ज नदी में एक व्यक्ति की लाश पडी है, तब उसने पुलिस चौकी खोरा में मोबाइल से दरोगाजी को बताया जो मौके पर दरोगाजी आये, मृतक नदी के पानी में आधा पड़ा है, शव पुरूष का है बदन पर हल्के नीले रंग की शर्ट व कत्थई रंग की कपड़े की चड्डी पहने है। लाश सड़ गई है, बदबू दे रही है। करीब तीन चार दिन पुरानी लाश है, जिसका देहाती मर्ग पंजीबद्ध किया गया। तथा मामले मे यह सामने आया कि मृतक अज्ञात को गोली मारकर हत्या करना व पहचान नष्ट करने का प्रयास किया गया है।

उक्त मामले मे पुलिस द्वारा प्रकरण दर्ज किया गया तथा मामले की विवेचना उपरांत अज्ञात आरोपीयो के विरूद्ध मामला पंजीबद्ध किया गया था। विवेचना के बाद यह स्प्ष्ट हुआ कि दिनांक 18.11.2019 को थाना धरमपुर में मृतक की मां शिवदुलारी लोध ने इस आशय का लिखित आवेदन पेश किया कि वह ग्राम पवइया थाना बबेरू जिला बांदा उ.प्र. की है। उसका लडका राजेश राजपूत दिनांक 06.08.2019 को घर पवइया से बबुआ उर्फ वीरेन्द्र धोबी, घनश्याम धोबी निवासी पवइया साथ लेकर आये थे। उनके पुत्र राजेश के पास मोबाइल था जिसका नंबर 6391631347 था जो लगातार नागपंचमी के दूसरे दिन से बंद है। उसने दिनांक 02.11.2019 को थना बबेरू में लडके की गुमशुदगी की रिपोर्ट किया था। लडका राजेश की तलाशी करते करते पता चला कि थाना धरमपुर में रक्षाबंधन के पहले लाश मिली है, जिसके सम्बंध में जानकारी लेने आई है, विवेचना के दौरान थाना धरमपुर में मृतक की पहचान की गई। सुसंगगत साक्षीगण के कथन लेख किये गये। अभियुक्तगण की तलाश की गई एवं अभियुक्तगण बबुआ उर्फ वीरेन्द्र धोबी एवं मुन्ना उर्फ सीताराम धोबी को गिरफ्तारी पत्रक अनुसार गिरफ्तार किया गया। सम्पूर्ण विवेचना उपरांत दिनांक 13.02.2020 को अभियुक्तगण के विरूद्ध न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी अजयगढ़ की न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया जहां से माननीय सत्र न्यायाधीश महोदय पन्ना को प्रकरण उपार्पित किया गया और हस्तगत प्रकरण इस न्यायालय को अंतरण पर प्राप्त हुआ।

श्रीमान इंद्रजीत रघुवंशी प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश पन्ना के न्यायालय मे शासन की ओर से पैरवी करते हुए श्री सुनील कुमार द्विवेदी अपर जिला लोक अभियोजक द्वारा दौरान विचारण अभियोजन के साक्ष्य को क्रमबद्ध तरीके से लिपिबद्ध कराकर न्यायालय के समक्ष आरोपीगण के विरूद्ध आरोप को संदेह से परे प्रमाणित किया तथा आरोपीगण का कृत्य गंभीरतम होने के कारण उन्हे कठोर से कठोरतम सजा दिये जाने का अनुरोध किया। अभिलेख पर आई साक्ष्य और अभियोजन के तर्को एवं न्यायिक दृष्टांतो से संतुष्ट होते हुए न्यायालय द्वारा आरोपीगण 1. लाला उर्फ घनश्याम धोबी को क्रमशः धारा 302 सहपठित धारा 34 भादसं., 120बी भादसं., 201 भादसं., धारा 25(1-बी)ए आयुध अधिनियम में आजीवन कारावास व 5000 रूपए अर्थदण्ड, 03 वर्ष का कठोर कारावास व 2000 रूपए अर्थदण्ड, 03 वर्ष का कठोर कारावास व 2000 रूपए अर्थदण्ड, 02 वर्ष का कठोर कारावास व 1000 रूपए अर्थदण्ड 2. बबुआ उर्फ वीरेन्द्र धोबी को क्रमशः धारा 302 सहपठित धारा 34 भादसं., 120बी भादसं., 201 भादसं. में आजीवन कारावास व 5000 रूपए अर्थदण्ड, 03 वर्ष का कठोर कारावास व 2000 रूपए अर्थदण्ड, 03 वर्ष का कठोर कारावास व 2000 रूपए अर्थदण्ड 3. मुन्ना उर्फ सीताराम धोबी को धारा-201 भादसं. में 03 वर्ष का कठोर कारावास एवं 2000 रूपए का अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।

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