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जेके सीमेंट कंपनी की तानाशाही लगातार जारी, किसानो की बहत्तर एकड़ जमीन पर किया बल पूर्वक कब्जा

दीपक शर्मा

पन्ना १४ जुलाई ;अभी तक; सिमरिया तहसील अन्तर्गत हरदुआ कैन मे संचालित जेके सीमेंट कंपनी की मनमानी तथा तानाशाही लगातार जारी है, उक्त तानाशाही में जिला प्रशासन तथा पुलिस द्वारा भी कंपनी का सहयोग किया जा रहा है। बडे़ जन प्रतिनिधियों का भी अप्रत्यक्ष रूप से पूरा संरक्षण कंपनी को मिल रहा है। जिसके चलते आम गरीब तथा किसान भारी परेशान है, क्योकि प्रशासन के संरक्षण से किसानो की जमीने बल पूर्वक अवैध रूप से कंपनी द्वारा हडपी जा रही है।

इसी प्रकार का मामला प्रकाश मे आया है। ग्राम कोनी निवासी किसानो राम प्रकाश पटेल, रामरतन पटेल, ओम प्रकाश पटेल, जय प्रकाश पटेल की पैत्रिक 72 एकड जमीन जिस पर वह कई वर्षो से खेती करते चले आ रहे है। आरआजी क्रमांक 883, 884, 839, 844, 900, 901, 902, 903, 907, 836, 837, 894, 896, 936, 938, 939, 942 कुल किता 18 रकवा 28.590 हैक्टेयर लगभग 72 एकड़ जमीन जो कोनी तहसील सिमरिया मे स्थित है। उक्त जमीन का बिना मुआवजा तथा नोटिस दिये जेके सीमेंट कंपनी द्वारा मुक्तयार, मृणाल सिंह द्वारा कलेक्टर न्यायालय मे धारा 247 की कार्यवाही करने का आवेदन दिया था। जिस पर भू राजस्व संहिता 1959 के तहत भूमि अधिकृहण क्रमांक 001/67/2024 प्रस्तुत किया गया। जिसके संबंध में कलेक्टर द्वारा बिना किसी अन्य का पक्ष सुनें मनमाने ढंग से 247 की कार्यवाही करते हुए उक्त जमीन जेके सीमेंट को अधिग्रहित करने की अनुमति दे दी गई। जिसको लेकर जेके कंपनी के लोगो तथा पुलिस एवं स्थानीय प्रशासन ने जबरजस्ती आवेदक की जमीन पर कब्जा करते हुए जेसीबी मशीन से फसल को नष्ट कर दिया गया।

आवेदको ने बताया कि उक्त जमीन का प्रकरण हमारे द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर मे डब्लू पी नम्बर 21283/2022 चल रहा है। जिसकी जानकारी जेके सीमेंट के मुख्तायर, मृणाल सिंह को पूर्व से है। उसके बावजूद जिला कलेक्टर न्यायालय को गुमराह करते हुए मनमाने ढंग से आदेश पारित कराया गया है। उक्त संबंध में आवेदको द्वारा 28 जून को कलेक्टर न्यायालय में आदेश स्थिगित करने आवेदन भी दिया था, लेकिन कलेक्टर न्यायालय द्वारा कोई सुनवाई नही की तथा उसी आदेश को मानते हुए जेके कंपनी एवं प्रशासन द्वारा किसानो की जमीन हडपनें के बेजा कार्यवाही की गई। आवेदको ने यह भी बताया कि हमारे द्वारा उच्च न्यायालय जबलपुर मे 21283/2022 रिट पिटीशन भी लगाई गई थी। पीडित परिवारो ने कहा कि यदि हमें न्याय नही मिलेगा तो परिवार सहित एक सप्ताह के अन्दर जिला कलेक्टर कार्यालय में आत्मदाह करने के लिए विवश होगें।

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