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नेशनल लोक अदालत में 2 हजार 592 प्रकरणों का निराकरण कर 9 करोड़ 87 लाख का अवार्ड पारित

महावीर अग्रवाल
 मन्दसौर 14 सितम्बर ;अभी तक ;   राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर द्वारा प्रसारित निर्देशानुसार व माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मंदसौर श्री कपिल मेहता के कुशल मार्गदर्शन में 14 सितम्बर, 2024, शनिवार को नेशनल लोक अदालत का आयोजन जिला न्यायालय मंदसौर एवं तहसील न्यायालय गरोठ, भानपुरा, नारायणगढ़, सीतामऊ में किया गया।
         जिला न्यायालय परिसर स्थित ए.डी.आर. सेंटर भवन के सभागृह में माननीय विशेष न्यायाधीश श्री अजय कुमार सिंह द्वारा माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। शुभारंभ कार्यक्रम को विशेष न्यायाधीश श्री अजय कुमार सिंह, प्रधान न्यायाधीश, कुटुम्ब न्यायालय श्री गंगाचरण दुबे एवं जिला अभिभाषक संघ के अध्यक्ष श्री रघुवीर सिंह पंवार ने सम्बोधित कर अपने विचार व्यक्त किये। शुभारंभ कार्यक्रम में कलेक्टर श्रीमती अदिती गर्ग एवं पुलिस अधक्षीक श्री अभिषेक आनन्द द्वारा भी सहभागिता की गई। शुभारंभ कार्यक्रम में आभार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मंदसौर के सचिव एवं जिला न्यायाधीश श्री सिद्धार्थ तिवारी द्वारा व्यक्त किया गया तथा संचालन जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री प्रवीण कुमार द्वारा किया गया।
    कार्यक्रम में जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश डॉ. प्रीति श्रीवास्तव, सुश्री प्रतिष्ठा अवस्थी, श्री आसिफ अब्दुल्लाह, श्री विशाल शर्मा, श्री विवेक बुखारिया, श्री मुनेन्द्र सिंह वर्मा, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री प्रवीण कुमार सोंधिया, अन्य न्यायाधीशगण श्री प्रेमदीप सांकला, श्रीमती रोहिणी तिवारी, श्री विनोद अहिरवार, श्री राजकुमार त्रिपाठी, सुश्री निकिता वार्ष्णेय, श्रीमती प्राची पाण्डेय माटा, सुश्री श्वेता सिंह, सुश्री रूपा मिश्रा, सुश्री पूर्वी गुप्ता, अधिवक्ता संघ के पदाधिकारी एवं अधिवक्तागण, न्यायिक कर्मचारीगण, विभिन्न बैंक, बीमा कम्पनियां, विद्युत विभाग एवं विभिन्न विभागों के अधिकारीगण, खण्डपीठ सदस्यगण इत्यादि उपस्थित रहे।
          नेशनल लोक अदालत के सफल आयोजन हेतु जिले में कुल 31 न्यायिक खण्डपीठों का गठन किया गया। कार्यक्रम के शुभारंभ के पश्चात नेशनल लोक अदालत की कार्यवाही गठित खंडपीठों में शाम तक चली, जिसमें राजीनामे के माध्यम से 2,592 प्रकरणों का निराकरण किया गया।
          लोक अदालत में 10,936 कोर्ट में लंबित मामले निराकरण के लिए रखे गए थे जिसमें से कुल 1309 प्रकरणों का निराकरण किया गया, जिसमें कुल 8,82,03,163/-का अवार्ड पारित किया गया। इसी प्रकार कुल 8671 प्रीलिटिगेशन के रखे प्रकरण में से 1283 प्रकरणों का निराकरण किया गया जिसमें 1,05,96,531/- राशि की वसूली की गई। मोटर दुर्घटना क्षतिपूर्ति दावा के 68 प्रकरण निराकृत किए गए, जिसमें कुल राशि 3,38,15,477/- का अवार्ड पारित किया गया। इस लोक अदालत में धारा 138 के अंतर्गत चैक बाउंस के 460 प्रकरण निराकृत किए गए जिसमें कुल राशि रू. 3,73,63,229/- का अवार्ड पारित किया गया।

 


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