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नगर निगम सिविक सेंटर रजिस्ट्री कांड में लोकायुक्त ने की एफआईआर  दर्ज   

अरुण त्रिपाठी
रतलाम,12 जून ;अभी तक;  नगर निगम के बहुचर्चित सिविक सेंटर रजिस्ट्री कांड में लोकायुक्त ने तत्कालीन निलंबित आयुक्त एपीएस गहरवार, उपायुक्त विकास सोलंकी, उप पंजीयक प्रसन्न गुप्ता समेत प्लाट खरीदने-बेचने वाले 36 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी एवं धारा 120 के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है। आरोपियों में रतलाम के कई नामचीन दलाल और व्यवसायी भी शामिल है।
                                    लोकायुक्त एसपी अनिल विश्वकर्मा को रतलाम के तुषार शर्मा व रफिक खान ने निलंबित आयुक्त एपीएस गहरवार व अन्य अधिकारियों द्वारा भारी भ्रष्टाचार कर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाने की शिकायत की थी। इससे पहले नगर निगम सभाग्रह में 7 व 9 मार्च को हुए निगम के सम्मेलन में पार्षदों ने परिषद और एमआईसी के संज्ञान में लाए बगैर सिविक सेंटर के खाली पड़े प्लाटो की रजिस्ट्री कराने पर निगमायुक्त, उपायुक्त आदि के खिलाफ नाराजगी जताते हुए गंभीर आरोप लगाए थे। इसके बाद परिषद ने रजिस्ट्रीयों को शून्य घोषित कराने का प्रस्ताव पास कर राज्य शासन को भेज दिया था। लोकायुक्त शिकायत की डीएसपी सुनील कुमार तालान के नैतृत्व में एक दल ने रतलाम आकर जांच की और वे दस्तावेज साथ ले गए थे।
                                      उधर मप्र शासन ने निगम आयुक्त गहरवार को अनियमितता पाए जाने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था और उपायुक्त सोलंकी को भी हटा दिया था। लोकायुक्त जांच में निगम अधिकारियों द्वारा अन्य व्यक्तियों के साथ मिलीभगत कर सिविक सेंटर के प्लाटों की रजिस्ट्री कराना पाया गया है। इसमें शासन को धोखे में रखकर आर्थिक नुकसान पहुंचाने की बात भी सामने आई, जिस पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधन 2018) की धारा 13 (1) (ए), 13(2) एवं भारतीय दंड विधान की धारा 409, 420, 120 (बी) के तहत केस दर्ज किया गया है।
लोकायुक्तv डीएसपी ने बताया कि जांच में तत्कालीन आयुक्त गहरवार द्वारा पद का दुरुपयोग करना पाया गया। उन्होनंे न तो निगम परिषद और न ही एमआइसी से कोई ठहराव कराया और नहीं उन्हें सूचना दी। नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की विभिन्न धाराओं का घोर उल्लंघन भी किया और छल एंव षड्यंत्र पूर्वक 27 भूखण्डों की रजिस्ट्री (लीज पट्टा) पूर्णतः नियम विपरीत, अधिकारिता क्षेत्र से बाहर जाकर करा दी। खरीदारों को अवांछित सहयोग करते हुए भूखण्डों का नामांतरण भी किया। बिना निगम परिषद और एमआईसी की अनुमति के स्वनिर्णय से निजी व्यक्तियों को भूखंड बेच कर अनुचित आर्थिक लाभ प्राप्त करते हुए आपराधिक न्यास भंग करने के उनके इस कृत्य में अन्य अधिकारियों व निजी व्यक्तियों की भी संलप्तिता पाई गई है।आयुक्त, उपायुक्त, उपपंजीयक और भूर्मािफया आरोपी

लोकायुक्त पुलिस ने जिनके खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है, उनमें रतलाम नगर निगम के निलंबित आयुक्त गहरवार,  उपायुक्त विकास सोलंकी, उप पंजीयक प्रसन्ना गुप्ता सहित भूमाफिया आरोपी है। अन्य आरोपियों में कविता वर्मा पति अनिरूद्ध वर्मा निवासी काटजू नगर, प्राची वर्मा पिता अनिरुद्ध वर्मा, निधि पिता अनिरूद्ध वर्मा, अशोक पिता प्रेमचंद शर्मा, शुभम विहार कस्तूरबा नगर, प्रवीणा पति शांतिलाल, देवीसिंह कालोनी, रवि पिता प्रकाशचंद्र पिरोदिया लक्कडपीठा, जीवनलाल पिता हंसराज पितलिया चांदनीचैक, बृजेश पिता पूनमचंद जैन चांदनीचैक, विजयाबाई पति धीरजलाल पिरोदिया लक्कडपीठा, शांतिबाई पति प्रहलादसिंह शेखावत सज्जनमिल रोड़, चंदू शिवानी पिता टिल्लूमल शिवानी शास्त्रीनगर, जितेंद्र तनवानी पिता सुरेश तनवानी राजपूत बोर्डिंग, दिलीप पिता भेरूलाल चैहान डोंगरे नगर रतलाम, मोहनलाल पिता भागीरथ पाटीदार ग्राम धराड़, सज्जन सिंह पिता सुखराम धीरजशाह नगर, अमृतलाल मांडोत पिता इंद्रमल मांडोत नीमचैक, दिलीप मांडोत पिता शांतिलाल मांडोत नीमचैक, वैभव कटारिया पिता सिरेमल कटारिया सायर चबुतरा, सुदर्शन मांडोत पिता इंद्रमल मांडोत, विमल मांडोत पिता श्रेणिकलाल मांडोत, अभय मांडोत पिता शांतिलाल मांडोत, रवि पिता सिरेमल कटारिया, सायर चबुतरा, रमेश पिता रखबचंद सुराना, सायर चबुतरा, राजेश पिता ईश्वरलाल शिवानी शिवानी सदन शास्त्री नगर, विनय राव पिता कांतिलाल, अभय कुमार पिरोदिया पिता मोहनलाल पिरोदिया, प्रदीप पिता उमाशंकर ओझा, इंद्रपुरी इंदलोक नगर, प्रवीण पिता धीरजलाल, बसंत शर्मा पिता रामसहाय शर्मा, हठीराम दरवाजा, राजेंद्र पितलिया पिता शांतिलाल पितलिया, सुषमा देवी पति राजेंद्र पितलिया डॉ. राधाकृष्ण नगर सागोद रोड, विवेक पितलिया पिता राजेंद्र पितलिया, स्वीटी पितलिया पति विवेक पितलिया और अन्य शामिल है।

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