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नाबालिग बालिका को साथ ले जाकर दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 20 वर्ष का कठोर कारावास

अरुण त्रिपाठी
 रतलाम,28 जून  ;अभी तक;  जावरा जिला रतलाम की विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट उषा तिवारी ने अभियुक्त लखन पिता रतनलाल बोडाना, उम्र 24 वर्ष निवासी थाना औ.क्षै.जावरा जिला रतलाम को नाबालिग बालिका के अपहरण और दुष्कर्म का दोषी पाया है | उसे धारा 366 के अंतर्गत 05 वर्ष के सश्रम कारावास तथा 500/-रुपयें अर्थदण्ड एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 5(एल)/6,3/4(2),5(जे)/6 के अंतर्गत 20वर्ष के सश्रम कारावास और 10500/-रुपयें अर्थदण्ड से दण्डित किया है।
विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो एक्ट विजय पारस ने बताया कि बालिका के पिता ने 28 नवम्बर 2022 को आरोपी लखन के खिलाफ थाना औद्योगिक क्षेत्र जावरा पर उसकी नाबालिग पुत्री को बहला-फुसलाकर ले जाने की रिपोर्ट पंजीबद्ध कराई थी। पुलिस 16 मई 2023 को बालिका को आरोपी के कब्जे से बरामद कर थाना लाई और पुछताछ की,तो उसने बताया कि 27नवंबर 2022 को लखन गांव से उसे पैदल-पैदल जावरा बस स्टैण्ड तथा जावरा से रतलाम लेकर गया वहां से ट्रेन से नौसारी गुजरात लेकर गया तथा किराये के मकान में रखा| इस दौरान आरोपी लखन ने पीडिता के साथ उसकी इच्छा के विरुद्ध दुष्कर्म किया, जिससे पीडिता गर्भवती हो गई।
 पीड़िता द्वारा बताई गई उक्त घटना पर से दुष्कर्म की धाराओं 376(2)एन भादवि एवं 5एल/6 पॉक्सो एक्ट का ईजाफा कर पुलिस ने अभियुक्त लखन पिता रतनलाल को गिरफ्तार कर लिया | आवश्यक अनुसंधान के बाद विशेष न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया। न्यायालय ने विचारण के दौरान साक्ष्य एवं अभियोजन द्वारा प्रस्तुत तर्को के आधार पर आरोपी के विरुद्ध अपराध प्रमाणित पाते हुए उसे धारा 366 के अंतर्गत 05 वर्ष के सश्रम कारावास तथा 500/-रुपयें ( पॉच सौ रूपये) के अर्थदण्ड एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 5(एल)/6,3/4(2),5(जे)/6 के अंतर्गत 20-20-20 वर्ष के सश्रम कारावास और कुल 10500/-रुपयें (दस हजार पॉच सौ रूपये) के अर्थदण्ड से दण्डित किया। प्रकरण में शासन की पैरवी जावरा के विशेष लोक अभियोजक विजय पारस द्वारा की गई ।

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