प्रदेश

सहकारी समितियों में किसानों के फसली ऋण की सीमा प्रति हेक्टेयर 1:50 लाख रुपये की जावे— श्री गुर्जर

महावीर अग्रवाल
मन्दसौर २८ जून ;अभी तक;  मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी पूर्व महामंत्री महेन्द्र सिंह गुर्जर ने मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि    अधिकांश किसान सहकारी समितियों के माध्यम से फसली ऋण लेकर फसल उत्पादन का कार्य करते हैं। लेकिन लगातार खाद,बीज,डीजल,दवाइयों,कृषि यंत्रों,मजदूरी बढ़ने सहित अन्य फसलों पर लागत राशि बढ़ने के कारण किसानों को मिलने वाला फसल ऋण से खेती को लाभ का धंधा बनाने में किसानों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
                                            श्री गुर्जर ने कहा कि वर्तमान समय में किसानों को फसल ऋण खाद बीज ओर नगद मिलाकर कुल 54 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर ऋण दिया जाता है जिससे किसानों को खेती करने में आर्थिक कठिनाईयो का सामना करना पड़ता है।
                                         श्री गुर्जर ने कहा कि पिछले कई वर्षों से किसानों की फसल ऋण सीमा (लोन लिमिट) नही बढ़ाने के कारण किसान इसी लोन लिमिट पर फसल कर्ज लेने पर मजबूर हो रहे हैं। जिसके कारण किसानों को बाजार से अधिक ब्याज दरों पर ऋण लेने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
श्री गुर्जर ने कहा कि वर्तमान समय में फसलों की लागत राशि के हिसाब से किसानों को 1लाख 50 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से खरीब और रबी का फसल ऋण साख सीमा की जावे ताकि किसानों को खेती करने के लिए प्रयाप्त ऋण मिल सके।
श्री गुर्जर ने कहा वर्तमान खरीब सीजन में जिन किसानों ने फसली ऋण लिया है उनको भी नवीन फसल ऋण सिमा बढ़ाकर किसानों को लाभ दिया जावे।
श्री गुर्जर ने कहा कि राष्ट्रीयकृत बैंकों से किसानों को फसली ऋण किसान क्रेडिट कार्ड 2 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से दिया जाता है।
श्री गुर्जर ने कहा कि भाजपा सरकार ने 2022 में किसानों की आय को दोगुना करने का वादा किया था लेकिन आज तक किसानों की आय जस की तस बनी हुई है।
ऐसी विषम परिस्थितियों में किसान खेती को कैसे लाभ का धंधा बना सकते हैं।
श्री गुर्जर ने फसल ऋण साख सीमा बढ़ाने के सम्बध में अपेक्स बैंक महाप्रबंधक भोपाल, प्रदेश की अग्रणी लीड बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, जिला कलेक्टर मन्दसौर,
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मन्दसौर महाप्रबंधक से भी  किसानों के हित में फसल ऋण बढ़ाने के लिए अनुरोध किया ।

 

Related Articles

Back to top button