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मानव दुर्व्यापार के मामले में 3 महिला सहित 5 लोगों को सजा

आनंद ताम्रकार
बालाघाट १३ जून ;अभी तक; मानव दुर्व्यापार के मामले में 3 महिला सहित 5 आरोपियों को अनुसूचित जनजाति अधिनियम के विशेष न्यायाधीश के एस बारिया की अदालत ने 3 महिला सहित 5 आरोपियों को सजा सुनाई है।
                            न्यायालय ने इस मामले में आरोपी पूजा काबरा पति भूपेंद्र काबरा 37 वर्ष मंडी प्रेमनगर राजस्थान कोटा, शंकर पिता तुलाराम पांचाल 27 वर्ष बजरंगगढ़ जिला बारां राजस्थान और प्रदीप पिता सुरजलाल हनवत 49 वर्ष डोंगरगांव मेढकी थाना रामपायली जिला बालाघाट निवासी को आजीवन कारावास तथा बेबी सिडाम पति सुनील सिडाम 42 वर्ष फुलचुर गोंदिया तथा संगीता  पिता प्रेमलाल इनवाती 29 वर्ष ग्राम सुर्या लामता जिला बालाघाट निवासी को 7 वर्ष का कठोर कारावास के अलावा इन आरोपियों को अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।
अभियोजन की ओर से पैरवी जिला लोक अभियोजन अधिकारी कपिल डेहरिया द्वारा की गई।
                           अभियोजन से प्राप्त जानकारी के अनुसार 4 मई 2019 को कोतवाली बालाघाट क्षेत्र से एक लडकी बिना बताये घर से चली गई परिजनों द्वारा कोतवाली बालाघाट में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराये जाने पर गुम इंसान को मामला कायम किया गया तथा पुलिस द्वारा तलाशी की गई। लडकी के दस्तयाबी होने पर यह बात सामने आई थी की 4 मई 2019 को इस लडकी के रिश्ते में होने वाली दीदी संगीता इनवाती के द्वारा अपने साथी बेबी सिडाम के सहयोग से उसे केटरिंग का काम दिलाने के बहाने उसे वारासिवनी ले गये और वारासिवनी से गोंदिया ले जाकर संगीता इनवाती ने प्रदीप हनवत के सहयोग से गोंदिया स्थित बेबी सिडाम के घर में उसे बंधक बनाकर रखा गया था। इसके बाद इस लडकी को बेबी सिडाम,संगीता इनवाती और प्रदीप हनवत के द्वारा पूजा काबरा निवासी प्रेम नगर कोटा राजस्थान के सहयोग से उसे शंकर पांचाल निवासी बजरंगगढ़ जिला बारा राजस्थान को 50000 हजार रुपये में बेच दिया था।पूजा काबरा के द्वारा इस लड़की को अपने प्रेमनगर कोटा स्थित घर में बंधक बनाकर रखा गया था। जिसके बाद पूजा काबरा ने शंकर पंाचाल से इस लडकी की जबरदस्ती शादी करवा दी। शंकर पांचाल ने इस लडकी को अपने घर में रखकर उसके साथ 2-3 दिन तक उसकी इच्छा के विरूद्ध बलात्कार किया।
                              कोतवाली पुलिस को जब जानकारी लगी की यह लड़की बजरंगगढ़ कोटा में शंकर पांचाल के घर में है तब 16 मई 2019 की रात्रि में कोतवाली पुलिस ने दबिश देकर इस लडकी को दस्तयाब किया और उसे बालाघाट लेकर आये। लडकी से पूछताछ करने के बाद कोतवाली बालाघाट में आरोपियों के विरूद्ध धारा 365,368,370(1),370(2),370 ए(2),376(2)(एन),120 बी,34 भादवि एवं धारा 3(1)(डब्ल्यू)(1)3(2)(वी) अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध पंजीबद्ध कर आरोपियों को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया था जहां से सभी को न्यायायिक अभिरक्षा में जिला जेल भिजवा दिया गया था।
विवेचना के पश्चात अदालत में अभियोग पत्र पेश किया गया था।
यह मामला अनुसूचित जनजाति अधिनियम के विशेष न्यायाधीश श्री के एस बारिया की अदालत में विचारण के लिये चला जहां अभियोजन पक्ष सभी आरोपियों के विरूद्ध आरोपित अपराध सिद्ध करने में सफल रहा जिसके परिणाम स्वरूप विद्वान अदालत ने सभी आरोपियों को 12 जून 2024 को उल्लेखित सजा सुनाई।

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