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मल्हारगढ़ नगर में परिषद में ओपन नाले के टेंडर पर पार्षदों ने ली आपत्ति

महावीर अग्रवाल
मन्दसौर , मल्हारगढ़ १६ जुलाई ;अभी तक; ।मंदसौर जिले की मल्हारगढ़ नगर परिषद के वार्ड क्रमांक 6 कुम्हारी मार्ग मे नाला निर्माण कार्य किया जा रहा है जिसके संबंध में आमजन व जनप्रतिनिधियों द्वारा शिकायत प्राप्त हुई।
                           सांवरे कंट्रक्शन मल्हारगढ़ को  पूर्व सीएमओ आरती गरवाल द्वारा नोटिस पहुंचाया गया जिसमें दर्शाया गया कि साँवरे कंस्ट्रक्शन द्वारा गुणवत्ताहीन करके घटिया कार्य किया जा रहा है एवं उक्त कार्य को तत्काल बंद कर निकाय को सूचित करें एवं आगामी आदेश तक गुणवत्ता की जांच होने तक कोई कार्य नहीं किया जावे।लेकिन उसके पश्चात भी साँवरे कंस्ट्रक्शन दवारा यह कार्य तेजी पर है,और वर्तमान सीएमओ एवं इंजीनियर की मिलीभगत से यह कार्य अभी तक किया जा रहा है जिस पर मल्हारगढ़ नगर परिषद के पांच पार्षदों द्वारा आपत्ति ली गई और मल्हारगढ़ नगर परिषद में हंगामा मचाया।पार्षदों से मिली जानकारी के अनुसार यह बताया गया कि मल्हारगढ़ नगर परिषद के वार्ड 6 मे जो खुले नाले के संबंध मे डीपीआर बनाई गई उसमें सलिये का MM तो लिखा गया है, लेकिन जो बिल बनाया गया उसमें सीमेंट का MM तो दर्शाया गया लेकिन   सलिये का MM नहीं लिखा गया और 17.800 किलोग्राम करके छोड़ दिया गया।
                           इससे यह भ्रष्टाचारी सामने आ रही है कि कहीं ना कहीं इसमें वर्तमान सीएमओ राजेश गुप्ता  ने 8MM का सरिया फिट कर 12 MM का बिल पास करवा दिया और लाखों रुपए अपनी जेब में डकार लिए!अब नाले को सही करने के लिए उनके बीच में पाइप लगा दिए गए ताकि सालिया क्रैक ना हो! कुछ भी डंपर के आने से इसका बचाव पाइप लगाकर कर दिया गया!ज़ब नाले को ओपन नाला टेंडर के रूप मे जाना गया तो फिर पाइप लगाकर बंद क्यों किया गया!मल्हारगढ़ के पूछते आमजन….??
                         गत दिवस पूर्व मल्हारगढ़ नगर परिषद के वार्ड क्रमांक 6 के पार्षद राधा-दिनेश प्रजापति सहित वार्ड क्रमांक 8 के पार्षद सोनम-मनोज अठवाल, वार्ड क्रमांक 10 के पार्षद अनीता-विजय राठौर,वार्ड क्रमांक 01 के पार्षद शाइन बी-एहसान मेव,वार्ड क्रमांक 15 के पार्षद संगीता-हरीश साहू भी नाराज है।जिससे इन सभी ने मिलकर मल्हारगढ़ नगर परिषद में मचाया हंगामा।लेकिन अभी तक जनप्रतिनिधियों की सुनवाई नहीं हुई है,इस कार्य को लेकर यह भृष्ट अधिकारी मजे ले रहे हैं और जनप्रतिनिधि आमजन के लिए लड़ रहे हैं।लेकिन इनकी सुनवाई नहीं हो पा रही है।कहे तो अधिकारी मस्त है, आमजन व जनप्रतिनिधि त्रस्त है,क्या इन पर किसी की नजर नहीं जा रही है कार्रवाई नहीं हो पा रही है।

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