प्रदेश

उपार्जित धान से निर्मित कस्टम मिंलिग से प्राप्त चांवल की गुणवत्ता नियत्रंण हेतु 3 सदस्यीय  जांच दल गठित

आनंद ताम्रकार
बालाघाट ११ जून ;अभी तक;  प्रदेश के जबलपुर एवं नर्मदापुरम जिले में खरीफ वर्ष 2023-24 उपार्जित धान से निर्मित कस्टम मिंलिग से प्राप्त चांवल की गुणवत्ता नियत्रंण हेतु 3 सदस्यीय  जांच दल गठित किया गया है जिसमें एस सी हेड़ाउ सहायक महाप्रबंधक वित्त मुख्यालय भोपाल पीयूष माली जिला प्रबंधक बालाघाट एवं सोनू गर्ग जिला प्रबधक ग्वालियर को शामिल किया गया है जो संयुक्त रूप से उल्लेखित जिलों में मिंलिग की हुई की चावल की मात्रा सीएमआर फोर्टीफाइड चांवल की गुणवत्ता एवं स्टाक की मात्रा चांवल में एफआरके की मात्रा वितरित किये जाने वाले चांवल की मात्रा एवं गुणवत्ता सहित अन्य तकनीकी बिन्दूओं की सुक्ष्मता से समग्र जांच करने हेतु निर्देशित किया जाता है। आवश्यकतानुसार भारतीय खाद्य निगम के अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर गुणवत्ता परीक्षण हेतु उनका सहयोग प्राप्त कर सकते है।
                          गठित निरीक्षण दल उल्लेखित जिलों में भ्रमण कर गोदामों का रैण्डम निरीक्षण कर जांच का प्रतिवेदन 2 सप्ताह में मुख्यालय को प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें एवं अधिकारी तत्काल प्रवास पर प्रस्थान करें।
                         उक्त आशय का आदेश मनोज कुमार वर्मा महाप्रबधक गुणवत्ता निरीक्षण भोपाल द्वारा प्रबंध संचालक के आदेशानुसार पत्र कमांक 308327/2024 के माध्यम से जारी किया गया है।
                           निर्देशित पत्र में यह उल्लेख किया गया है की यह कार्यवाही मध्य प्रदेश खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति  एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के मंत्री कार्यालय से प्राप्त नोटशीट दिनांक 7 जून 2024 के परिपेक्ष्य में उक्त आदेश जारी किया गया है।
                                यह उल्लेखनीय है कि वर्ष 2023-24 में केवल बालाघाट जिले में जो की प्रदेश का सर्वाधिक धान उत्पादक जिला है में 5 लाख 85 हजार मेट्रिक टन धान मार्कफेड द्वारा खरीदी गई है जिसका मूल्य 130 करोड़ रुपये आका गया है।
                               खरीदी गई धान में से कस्टम मिलिंग के जरिये चावल प्रोसेस करने के लिये राईस मिलर्स से अनुबंध किया गया और उन्हें धान के डिलेवरी आर्डर जारी किये गये। राईस मिलर्स ने डिलेवरी आर्डर के माध्यम से प्राप्त धान को महाराष्ट और छत्तीसगढ में खुले बाजार में बेच दिया और उसके एवज में उत्तर प्रदेश बिहार महाराष्ट तथा स्थानीय तौर पर कालाबाजार में बेचा जाने वाला राशन के चांवल खरीदकर कस्टम मिंलिग के माध्यम से अमानक स्तर का चांवल प्रदाय कर दिया। खरीदी दिनांक से आज तक अनेकों चांवल के लाट अमान्य कर दिये गये लेकिन उनको कागज में ही अपग्रेड किया जाना बता दिया गया इसकी आड़ में राईस मिलर्स और गुणवत्ता निरीक्षक तथा अधिकारियों के सरक्षण में अमानक स्तर का चांवल आपूर्ति निगम को प्रदाय किया है।
                                   इतना ही नही प्रदाय किये जाने वाले चंावल में फोर्टीफाइड राईस मिलाकर देने की केन्द्रीय शासन के निर्देशों को दरकिनार करते हुये बिना फोर्टीफाइड चांवल मिलाये बिना सामान्य चावल प्रदाय किया। अभी हाल ही में वारासिवनी तथा बालाघाट के गोदामों की जांच के दौरान बिना फोर्टिफाइड चावल जो अमानक स्तर का था पाये जाने पर उसे अपग्रेड करने के निर्देश दिये गये है।
                                       जानकारी मिली है की निगम के गुणवत्ता निरीक्षकों ने एक तयशुदा कमीशन प्रति लाट लेकर अमानक स्तर का चावल मान्य किया है वारासिवनी और बालाघाट में अमानक पाये गये चावल में गुणवत्ता निरीक्षक की अनदेखी प्रकाश में आई है इस मामले की जांच कलेक्टर बालाघाट द्वारा जिला खाद्य अधिकारी द्वारा दिये गये जांच प्रतिवेदन के आधार पर की जा रही है तथा संबंधित राईस मिलर्स तथा गुणवत्ता निरीक्षकों को नोटिस जारी किये गये है।
महाप्रबंधक मनोज कुमार वर्मा ने प्रबंध संचालक के आदेश पर जो जांच कमेटी बनाई है उसमें कोई भी तकनीकी विशेषज्ञ नहीं है जो गुणवत्ता संबंधित मापदण्ड की जांच कर सकें।
                            इस प्रकार मात्र 2 जिलों की जांच करवाना महज खानापूर्ति किया जाना प्रतीत होता है क्योंकि समूचे मध्यप्रदेश में अफसरों तथा राईस मिलर्स की सांठगांठ के चलते अमानक स्तर का चावल प्रदाय किया गया है। जिसकी गहन जांच किया जाना आवश्यक है।

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