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बालाघाट जिला राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मोनू भगत ने वायरल मैसेज से इंकार किया

आनंद ताम्रकार

बालाघाट २४ जून ;अभी  तक;  बालाघाट जिला राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मोनू भगत का एक मैसेज इंटरनेट मीडिया पर 48 घंटे पूर्व वायरल हुआ इसके कारण जिले सहित प्रदेश स्तर पर हडकंप मच गई तथा इसी मैसेज से संबंधित प्रिंट मीडिया में भी समाचार प्रकाशित हुए जो चर्चा का विषय बने हुये है। मोनु भगत द्वारा भेजे गये मैसेज में राईस मिलर्स से 3 केजी के मान से कमीशन देने की बात कही गई है।

इस संबंध में जबलपुर से प्रकाशित एक दैनिक समाचार पत्र के संवाददाता से मोनू भुगत ने कहा की वायरल हो रहा मैसेज 1 माह पुराना है और इससे उनका कोई लेना देना नही है 3 केजी प्रति लाट की मांग पूर्व डीएमओ हिरेन्द्र रधुवंशी द्वारा की जाती थी   जिससे जुड़ा मैसेज मैने ग्रुप में डाल दिया था इस मैसेज या ऐसा कोई लेनदेन से मेरा कोई लेनादेना नही है।

इस प्रकार मोनू भगत ने वायरल हो रहे मैसेज को अपना मैसेज स्वीकार करते हुये 3 केजी प्रति लाट की मांग पूर्व डीएमओ हिरेन्द्र रघुवंशी द्वारा की जाती थी ऐसा कहकर उन्होने अपना पल्ला झडने की कोशिश की है।

यह उल्लेखनीय है कि मोनू भगत ने मार्कफेड और नागरिक आपूर्ति निगम को हिरेन्द्र रघुवंशी के खिलाफ जो शिकायतें की है उनमें से किसी भी शिकायत में हिरेन्द्र रघुवंशी द्वारा 3 केजी प्रति लाट की मांग करने का उल्लेख ही नही है।

मोनू भगत द्वारा वायरल किये गये मैसेज के समर्थन में कुछ नये मैसेज की जानकारी प्राप्त हुई है जिनके आधार पर 3 केजी प्रति लाट का कमीशन देने का मुद्दा सही साबित हो रहा है।
इस 3 केजी फॉर्मूला के प्रमुख सूत्रधार गंभीर संचेती है जो पूर्व में राइस मिल महासंघ का अध्यक्ष रहा है जिसने 8 अप्रैल को मुकेश जैन जबलपुर, सोहन शर्मा सतना, करमचंद असरानी कटनी के साथ सम्माननीय राजनीतिक व्यक्ति के साथ मुलाकात की और 3 केजी फॉर्मूला चर्चा कर उनसे सहमति ली।

इसके बाद 10 अप्रैल को सम्माननीय राजनीतिक व्यक्ति से 3 केजी फार्मूले पर विस्तार से चर्चा की गई तथा क्रियान्वयन किये जाने की रूपरेखा तय की गई इस प्रकार राईस मिलर्स और शासन जुडे़ एक राजनैतिक अधिकार संपन्न राजनेता के बीच 3 केजी फार्मूले को लेकर आम सहमति बनी इस बैठक में मोनू भगत और सतीश छुट्ानी मौजूद थे जिनके निर्देशन में योजना अनुसार राईस मिलर्स से वसूली की गई।

इस तथ्यों की पुष्टि गंभीर संचेती द्वारा प्रेषित वॉट्सअप मैसेज से होती है जिसमें उन्होंने लिखा है सम्माननीय मिलर जैसा की आप सभी को जानकारी है कि इस समय मिलरों के बीच कई विषयों चर्चाएं चल रही है। इस तारतम्य में मुझे 5 अप्रैल को प्रदेश के सम्माननीय राजनीतिक व्यक्ति के प्रतिनिधि का फोन आया था जिन्होने मुझे भोपाल में आकर मिलने कहा था। प्रदेश के अपने कुछ साथियों के साथ मैं 8 अप्रैल को भोपाल गया था वहां पर मिलरों के बीच जो चर्चाएं चल रही है, मेरे द्वारा उसकी जानकारी पूछी गई जिसका उन्होने जानकारी दी है। जिसमें मुख्यतः मिलर ने वर्ष 2023-24 में नागरिक आपूर्ति निगम में जो चावल जमा किया गया है उसका प्रति लाट पर 3 केजी चावल अतिरिक्त भोपाल के लिए मॉगा गया है। इसके पश्चात उनके द्वारा मिलर को अतिरिक्त सुविधाओं की जानकारी भी बताई गई है, जैसे बारदाना की रू.2.68 की राशि तथा चावल की अपग्रेडशन राशि
इसके बाद मोनू भगत ने एक मैसेज गंभीर संचेती को भेजा जिसमें उल्लेख किया गया है की सम्माननीय गंभीर भैया सभी ब्लॉक से दो दो प्रतिनिधि नियुक्त कर एक बैठक कर 3 केजी चावल की प्रति लॉट की जानकारी और जिम्मेदार देने हेतु एक बैठक सिर्फ दो दो प्रतिनिधि की आहूत की जावे सभी मिलर का हित हमारा उद्देश्य है ये मेरा सुझाव है हम सब आपके साथ है
मोनु भगत के इस मैसेज के बाद गंभीर संचेती ने एक मैसेज भेजकर सभी मिलर्सों से निवेदन है कि आप,सभी ब्लॉकों के लिए दो दो नाम मोनू भगत जी या सतीश छुट्ानी के पास व्यक्तिगत फोन कर, जानकारी दे देवें। जिससे वे दोनों आपस में मिलकर हर ब्लॉक के दो दो नाम निर्धारित कर सकेंगे।
इन मैसेजों के प्रकाश में आने के बाद यह तस्वीर अब साफ हो गई है की राईस मिलर्स  और सम्माननीय राजनैतिक व्यक्ति के बीच 3 केजी प्रति लाट के फार्मूले पर आम सहमति बनी और उसके मान से पूरे प्रदेश में वसूली का काम चालू हो गया।
राइस मिलर्स, नागरिक आपूर्ति निगम और मार्कफेड एवं जिला प्रशासन और खाद्य विभाग के अधिकारियों के बीच इस समझौते को अमल में लाने के लिये पेशकश की गई और उसका क्रियान्वयन किया जाने लगा।
जानकारी लगी है की जिले में वसूली की गई रकम गंभीर संचेती के पास जमा की गई जो सम्माननीय राजनीतिक व्यक्ति तक पहुचाई जा चुकी है और कलेक्शन जारी है।

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