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गायत्री परिवार के द्वितीय पंच दिवसीय कन्या कौशल शिविर का हुआ समापन

महावीर अग्रवाल 
मन्दसौर १३ जून ;अभी तक;  गायत्री परिवार शाखा मंदसौर द्वारा लगातार दूसरा पांच दिवसीय कन्या कौशल शिविर का आयोजन  गायत्री शक्तिपीठ पर हुआ जिसमें बड़ी संख्या में 12 से 20 वर्ष की बालिकाओं ने भाग लेकर यज्ञ, हवन, साधना, व्यक्तित्व निर्माण, नशामुक्त समाज की स्थापना, परिवार में भारतीय संस्कृति की स्थापना जैसे उद्देश्यों को पूर्ण करते हुए कार्यक्रम में संकल्प लिया कि हम यहां से जाकर गांव में एक नई क्रांति का कार्य करेंगे।
                                         विदाई सत्र में आयोजित कार्यक्रम में विशेष अतिथि डॉ. मिथिलेश नागर ने कहा कि मनुष्य ही एक ऐसा प्राणी है जो प्रातः काल उठकर भगवान का नाम लेता है। भारतीय संस्कृति में मातृशक्ति का बहुत बड़ा योगदान है बस उन्हें अपनी शक्ति को पहचानने की व बहनों को हर क्षेत्र में कार्य करने की आवश्यकता है । अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक वेद मूर्ति तपोनिष्ठ पं. श्रीराम शर्मा आचार्य ने आज से 50 वर्ष पूर्व ही घोषणा कर दी थी की अगली सदी नारी सदी होगी। यही कारण है कि आज 80 प्रतिशत क्षेत्र में नारियों का योगदान है मुझे भी सन् 1985 में परम पूज्य गुरुदेव के साथ रहने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। स्थूल कार्य से मुझे रहने का अवसर मिलने के साथ मैंने शांतिकुंज हरिद्वार में गायत्री मंत्र के साथ कई और साधना भी पूर्ण की है।
                                               कार्यक्रम में एफसीआई के डायरेक्टर मदनलाल राठौड़ ने  कहा कि मैं लगातार गायत्री परिवार के कन्या कौशल के कार्यक्रम में भागीदारी कर रहा हूं। इन बच्चों को देखकर विश्वास होता है कि गायत्री परिवार एक बड़ी योजना लेकर समाज में मातृशक्ति को आगे बढ़ा रहा है । यदि बच्चियां संभल गई तो दो घर नहीं 200 घरों में परिवर्तन आएगा। आपने कहा कि यह एक अद्भुत कार्यक्रम है। लगातार जावरा, मंदसौर, मनासा, नीमच सभी दूर कन्या कौशल के यह कार्यक्रम परिवार को व्यवस्थित करने का सशक्त माध्यम साबित होंगे। सक्षम के  मालवा प्रांत सचिव रविंद्र पांडे ने कहा कि भारत में अनेको स्वयंसेवी संस्थाएं कार्य कर रही है जिसमें गायत्री परिवार का एक बहुत बड़ा स्थान है। गायत्री परिवार एक ही क्षेत्र में काम नहीं करता बल्कि परम पूज्य गुरुदेव के 100 सूत्रीय कार्यक्रम को धरातल पर उतारने का कार्य करता कर रहा है। हजारों सैकड़ो कार्यकर्ता इस अभियान में लगे हैं। आपने कहा कि बच्चों को मोबाइल से अच्छी चीजों को सीखना चाहिए नहीं तो यह ज़हरीला भी उतना ही है इसके जहर यदि चढ़ जाए तो उतरता नहीं ह।  इसको अपने जीवन का अंग ना बनाकर भारतीय संस्कृति के विचारों को अपना आधार बनाएं।
                                                   पतंजलि योग संगठन जिला प्रभारी बंसीलाल टाक ने कहा कि बच्चों ने योग अभ्यास करने का जो संकल्प लिया है उसे अवश्य पूर्ण करे। भारतीय संस्कृति के विचारों को गांव-गांव में फैलाने में गायत्री परिवार को विशेष सहयोग प्रदान करें। इस अवसर पर धार्मिक उत्सव समिति के अध्यक्ष सुभाष गुप्ता, अर्चना गुप्ता ने भी पुरस्कार वितरण में सहयोग प्रदान किया।
गायत्री शक्तिपीठ पर मुख्य ट्रस्टी नरेश त्रिवेदी द्वारा सभी को कार्यक्रम में आने के लिये आभार माना और परम पूज्य गुरुदेव और गायत्री परिवार के बारे में जानकारी प्रदान की।  इस कार्यक्रम को सफल संचालन में गायत्री परिवार के पवन गुप्ता, निशा धनोतिया द्वारा लगातार गांव-गांव में जाकर शिविर के आयोजन करने में अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं । गायत्री परिवार के ही परशुराम शर्मा, दिलीप नर्सरी ने भी विशेष योगदान किया।
शिविर में प्रथम स्थान पर लक्ष्मी राठौर खेजडिया, द्वितीय स्थान पर दिलखुश राठौर व तृतीय स्थान पर भगवती पाटीदार गुराडिया देदा को सब्सक्राइब किया। सभी बच्चों को प्रसाद वितरण किया गया और उन्हें प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन एडवोकेट सत्येंद्र सिंह सोम ने किया। यह जानकारी गायत्री परिवार के शक्तिपीठ प्रभारी पवन गुप्ता ने दी।

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