जीवाश्म ईंधन पर UN प्रमुख और COP-28 अध्यक्ष में मतभेद, जलवायु कार्रवाई घोषणापत्र पर 134 देशों ने किए हस्ताक्षर
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस और COP-28 के अध्यक्ष सुल्तान अहमद अल-जबर जीवाश्म ईंधन के भविष्य पर आमने-सामने आ गए। गुटेरस ने जलवायु शिखर सम्मेलन में वैश्विक नेताओं से जीवाश्म ईंधन के बिना भविष्य की योजना बनाने का आग्रह करते हुए कहा कि ग्लोबल वार्मिंग को रोकने का कोई अन्य तरीका नहीं है। इससे एक दिन पहले अल-जबर ने जीवाश्म ईंधन के निरंतर उपयोग को अपनाने का प्रस्ताव दिया था।
इससे एक दिन पहले अल-जबर ने जीवाश्म ईंधन के निरंतर उपयोग को अपनाने का प्रस्ताव दिया था। इस पर गुटेरस ने कहा कि हम एक जलते हुए ग्रह को जीवाश्म ईंधन की आग के साथ नहीं बचा सकते।
ग्लोबल वार्मिंग पर क्या बोले गुटेरस?
कार्बन उत्सर्जन को रोकने और संग्रहीत करने के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग पर रोक तभी संभव है, जब हम सभी जीवाश्म ईंधन को जलाना बंद कर देंगे। इसका उपयोग कम करना कोई उपाय नहीं है।
चिंताजनक मोड़ पर पहुंचते दिख रहे हैं हमः ब्रिटेन के राजा
ब्रिटेन के राजा चार्ल्स तृतीय ने नेताओं से वैश्विक जलवायु एजेंडे में प्रगति करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि विज्ञानी लंबे समय से चेतावनी दे रहे हैं। हम चिंताजनक मोड़ पर पहुंचते दिख रहे हैं।
जलवायु कार्रवाई घोषणापत्र पर 134 देशों ने किए हस्ताक्षर
समाचार एजेंसी आईएएनएस के अनुसार, ऐतिहासिक कृषि, खाद्य और जलवायु कार्रवाई घोषणापत्र पर 134 वैश्विक नेताओं ने हस्ताक्षर किए हैं। जलवायु परिवर्तन से निपटने के दौरान खाद्य सुरक्षा का समर्थन करने के लिए 250 करोड़ डालर से अधिक की धनराशि जुटाने और जलवायु परिवर्तन के मद्देनजर खाद्य प्रणालियों के नवाचार के लिए यूएई और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के बीच एक नई साझेदारी की भी घोषणा की गई।