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आसमान में दिखेगा रिंग ऑफ फायर, सूर्य ग्रहण का कल ऐसा होगा नजारा, जानें दुनिया में कहां-कहां दिखेगा?

14 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण देखने को मिलेगा। हालांकि भारत में इसे नहीं देखा जा सकेगा। अमेरिका में यह सूर्य ग्रहण होगा और यह एक वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा, यानी इसके कारण हमें आसमान में एक आग की रिंग दिखाई देगी। सूर्य और पृथ्वी के बीच चांद के आने से सूर्य ग्रहण होता है।

14 अक्टूबर को एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना देखने को मिलेगी। आसमान में एक आग की रिंग दिखाई देगी। दरअसल यह सूर्य ग्रहण होगा। हालांकि भारत के लोग इसे नहीं देख पाएंगे क्योंकि यह अमेरिका में दिखेगा। इस घटना के दौरान चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाएगा, जिसके कारण इसका कुछ हिस्सा ढक जाएगा। सूर्य के बाहरी किनारों को छोड़कर लगभर पूरा हिस्सा ढक जाएगा। इसी वजह से आसमान में एक जलता हुआ आग का गोला दिखाई देगा। अमेरिका के कुछ हिस्सों तक फैले रास्ते पर यह दिखाई देगा।पश्चिमी गोलार्ध के बाकी हिस्सों में यह आंशिक ग्रहण के रूप में दिखाई देगा। हालांकि अमेरिका में अब इस सूर्य ग्रहण को लेकर चिंता जताई जा रही है। क्योंकि बादल भरे मौसम के कारण यह नजारा कम दिखाई दे सकता है। रिंग ऑफ फायर सूर्य ग्रहण एक वलयाकार सूर्य ग्रहण होता है, जो आसमान में एक चमकदार अंगूठी जैसा दिखता है। 14 अक्टूबर 2023 को सूर्य ग्रहण ओरेगन राज्य में स्थानीय समय के मुताबिक सुबह 8 बजे से दिखना शुरू होगा।

कैसे देख सकेंगे सूर्य ग्रहण

वलयाकार सूर्य ग्रहण अमेरिका के नेवादा, ओरेगन, यूटा, न्यू मैक्सिको, मध्य अमेरिका, कोलंबिया और ब्राजील के कुछ हिस्सों में दिखेगा। शेष उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका में आंशिक ग्रहण को देखा जा सकेगा। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि सूर्य ग्रहण को दौरान अपनी आंखों की सुरक्षा बहुत जरूरी है। इस दौरान विशेष चश्मों, फिल्टर के जरिए इसे देखा जा सकता है। सुरक्षा के इंतजाम न करना आंखों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।

क्या होता है सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण

पृथ्वी पर हमें दो तरह के ग्रहण दिखते हैं। एक होता है सूर्य ग्रहण और दूसरा होता है चंद्र ग्रहण। चांद धरती का चक्कर लगाते हुए जब पृथ्वी के बीच में आ जाए तो यह सूर्य ग्रहण कहलाता है। अंतरिक्ष से इस घटना को देखने पर धरती पर एक बड़ा काला धब्बा दिखेगा जो चांद की परछाई होती है। वहीं चांद और सूर्य के बीच में धरती आ जाए तो यह चंद्र ग्रहण कहलाता है। इस दौरान धरती की परछाई चांद पर पड़ती है। हालांकि यह पूरी तरह छिपता नहीं बल्कि लाल दिखाई देता है।

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