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वैज्ञानिकों ने गांवों में भ्रमण कर किसानों को दी कृषि संबंधित सलाह 

महावीर अग्रवाल
मंदसौर 19 दिसंबर ;अभी तक;  वरिष्‍ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख कृषि विज्ञान केंद्र मदंसौर द्वारा बताया गया कि कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों ने विभिन्न गांवों में फसलों का भ्रमण कर किसानों को उचित सलाह दी। वैज्ञानिकों  द्वारा चने की ईल्ली को नियंत्रण के लिए 12 हेलिल्यूर फेरोमोन ट्रैप प्रति हे. की दर से लगावे एवं प्रपंच 21 दिनों के अंतराल पर ल्यूर परिवर्तीत करते रहे।  खेत में 50 खुटिया अंग्रेजी के टी अक्षर की आकृति की लगावें। जैविक कीटनाशक के रूप में एच.ए.एन.पी.वी की 250 ए.ई. या ऐजाडिरेक्टीन 1500 पी.पी.एम. की 1.5 लीटर मात्रा 500 लीटर पानी में घोल बनानकर प्रति हे. की दर छिड़काव करें एवं रासायनिक कीटनाशक के रूप में कलोरएन्ट्रनीलिप्रोल 18.5 प्रतिशत की 125 मि.ली. या प्रोफेनोफॉस 50 प्रतिशत ई.सी की 1000 मि.ली. मात्रा 500 लीटर में घोल बनाकर प्रति हे. की दर से छिड़काव करें।
सरसों, धनियां एवं मैथी में निम्‍न सलाह
जैविक तरीके वर्टिसिलियम लेकानी 1.0% की 50 से 75 मिली मात्रा या एजाडीरेक्टिन 1500 पीपीएम की 60 से 75 मिली मात्रा या एजाडीरेक्टिन 10000 पीपीएम की 30 से 45 मिली मात्रा या एन. एस. के. ई. की 750 मिली प्रति पंप 15 लीटर में घोल बनाकर के छिड़काव करें एवं सिंचाई करें।
रासायनिक तरीके से डाईमिथोएट 30 ईसी की 30 मिली मात्रा या ईमिडाक्लोप्रिड 17.8% एएस. एल. की 7 मिली मात्रा या थायमीथोक्जाम 25% डब्ल्यू. जी. की 5 ग्राम मात्रा या प्रोफिनोफॉस 50% ईसी की 30 मिली प्रति पम्प (15 लीटर) में घोल बनाकर के छिड़काव करें। लहसुन की फसल में पीलापन को रोकने के लिए प्रोपिकोनाजॉल 25 प्रतिशत ईसी की 1 एम. एल. मात्रा या पूर्व मिश्रित फंफूदनाशक कार्बडाजिम + मेनकोजेब की 2 ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी में घोल बना करके छिड़काव करें।

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