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तहसीलदार कार्यालय गुनौर बना दलालो का अड्डा, एसडीएम तहसीलदार के संरक्षण मे चल रहा मनमाना कारोबार

महावीर अग्रवाल

पन्ना ३१ मार्च ;अभी तक; तहसील परिसर गुनौर इन दिनों पन्ना जिले में दलालों का गढ़ बना हुआ है। यहां तहसीलदार एसडीएम से लेकर अन्य अधिकारियों की मूक सहमति से दलाल तहसील परिसर के अंदर गुमटिया बनाकर जमीन संबंधी न्यायालीन फैसलो को पक्ष या विपक्ष में कराने का भी ठेका लेते हैं इसके साथ ही आय प्रमाण पत्र जाति प्रमाण पत्र निवास पत्र फौती नामांतरण बटवारा खसरा खतोनी में सुधार नक्शा जैसे अन्य न्यायालीन कार्यों को करने का दावा करते हैं।

इसके साथ ही दलाल तहसील के अंदर ही दिनभर लोगों को अपने जाल में फंसा कर जमीनों की रजिस्ट्री कराने के नाम पर दो दूनी चार करते रहते हैं जो तहसील गुनौर के अधिवक्ता काम कर रहे थे अब वह अधिकारियों के खास बनकर दलाली कर रहे हैं दलाल बाकायदा अधिवक्ताओं के अगल-बगल में गुमटिया बनाकर इन सारे कामों को अंजाम दे रहे हैं इन दलालों से परेशान कई बार अधिवक्ताओं ने भी अधिकारियों से शिकायत की मगर नतीजा कुछ नहीं निकला और यूं हुआ कि जब से नवागत एसडीएम रामनिवास चौधरी और तहसीलदार की पदस्थापन हुई है तब से दलालों की दुकान तहसील के अंदर तेजी से फल फूल रही हैं।

ऐसा नहीं है कि तहसील मुख्यालय में बैठे अधिकारियों को उसकी जानकारी नहीं है बल्कि वह दलाल दिनभर अधिकारियों से साठ गाठ करते हुए देखे जाते हैं कार्यालय के बाबू भी उक्त दलाली मे शामिल रहते है तथा कोई भी कार्य बिना दलाली के नही होता है। लगातार पन्ना जिले मे भ्रष्टाचार को लेकर लोकायुक्त पुलिस द्वारा कार्यवाही की जाती है। उसके बावजूद भ्रष्टाचार पर अंकुश नही लग रहा है। आम आदमी दलाली तथा भ्रष्टाचार से भारी परेशान है। नामांतरण सहित अन्य तहसील के कार्यो मे ममानी रकम किसानो तथा आम लोगो से ली जाती है। यदि कोई व्यक्ति रिश्वत नही देता है तो उसकी फाईल निरस्त कर दी जाती है। जहां एक ओर प्रदेश के मुखिया डॉ मोहन यादव जनता को सुलभ न्याय दिलाने और उनके समय पर पूरे काम करने के लिए साइबर तहसील की शुरुआत की है वहीं सरकार के ही आला अफसर सरकार की मनसा पर पानी फेर रहे हैं तहसील परिसर गन्नौर में इतना भ्रष्टाचार है कि कई बार अधिकारियों के ऊपर भ्रष्टाचार की धाराओं के तहत लोकायुक्त की कार्यवाहिया भी हो चुकी है इसके बावजूद तहसील गुनौर में भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा आम आदमी को अपने काम करने के लिए महीनों तहसील के चक्कर काटने पड़ रहे हैं वही आम लोगो से दलाल मोटी रकम लेकर जल्दी काम करा देते है ऐसा लग रहा है कि गुनौर तहसील में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए अघोषित रूप से इन दलालों की नियुक्तियां अधिकारियों ने ही की हो तभी तो इन दलालों के काम जल्दी हो रहे हैं और आम आदमी के महीनों चक्कर काटने के बाद भी कम नहीं होते है।

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