प्रदेश

अवैध रूप से पिकअप वाहन में छिपाकर डोडाचूरा का परिवहन करने वाले आरोपी को 10 वर्ष का सश्रम कारावास व 1 लाख रू जुर्माना

महावीर अग्रवाल

मंदसौर एक दिसंबर ;अभी तक;  विषेष न्यायाधीष एनडीपीएस एक्ट मंदसौर द्वारा आरोपी राजूराम पिता रूपाराम लौहार उम्र 30साल नि0ग्रा0 गोगेलावे थाना नागौर जिला नागौर राजस्थान को डोडाचूरा तस्करी करने का दोषी पाते हुए 10 वर्ष का सश्रम कारावास और 1 लाख रू अर्थदण्ड से दण्डित किया।

                                                    अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी दीपक जमरा द्वारा घटना के संबंध में बताया कि दिनांक 16.06.2016 को थाना वायडीनगर के उनि जी.पी. मिश्रा को मुखबिर सूचना मिली कि राजू पुत्र रूपाराम लौहार एवं प्रहलाद पुत्र जेठाराम लौहार पिकअप में डोडाचूरा भरकर पिकअप के उपर सब्जी एवं फल के खली कैरेट भरकर नाहरगढ तरफ से डोडाचूरा भरकर जोधपुर राजस्थान बेचने जा रहे हैं जो मंदसौर होकर महू-नीमच रोड हाईवे होकर राजस्थान तरफ जायेंगे, यदि शीघ्रता न बरती गई तो डोडाचूरा खुर्दबुर्द कर देंगे। मुखबिर सूचना पर कार्यवाही हेतु उनि जीपी मिश्रा मय फोर्स के थाने से रवाना होकर गुराडिया देदा फंटा, महू-नीमच हाईवे के पास पंहुचे और नाकाबंदी की थी थोडी देर बाद मुखबिर द्वारा बताये हुलिए की महिन्द्र जीनियो पिकअप मंदसौर की तरफ से आई थी जिसे रोका नाम, पता पूछने पर चालक ने अपना नाम राजू पुत्र रूपाराम तथा प्रहलाद पुत्र जेठाराम लौहार बताया था। मौके पर ही आरोपियों को मुखबिर सूचना से अवगत कराया और तलाषी लेने की बात कही। आरोपीगण के वाहन पिकअप की तलाषी में 24 कट्टे में संदिग्ध पदार्थ मिला था जिसे सूंघकर और जलाकर देखने पर डोडाचूरा होना पाया गया। उक्त अवैध मादक पदार्थ डोडाचूरा का तौल इलैक्ट्रªॉनिक तराजू बांट से किया गया तो प्रत्येक 13 कट्टों में कुल बजन 4 क्विंटल 96 किलो 700 ग्राम डोडाचूरा होना पाया गया। आरोपीगण के पास डोडाचूरा रखने बाबत लायसेंस नही होने से आरोपीगण का कृत्य धारा 8/15 एनडीपीएस के तहत दंडनीय होने से उन्हे गिरफतार कर मौके की संपूर्ण कार्यवाही पश्चात मय जप्तषुदा अवैध मादक पदार्थ डोडाचूरा जप्त कर थाने पर वापसी उपरांत आरोपीगण के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया व संपूर्ण अनुसंधान उपरांत माननीय न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया।
माननीय न्यायालय द्वारा अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य एवं तर्कों से सहमत होकर आरोपी को दोषसिद्ध किया।
प्रकरण में अभियोजन का सफल संचालन एडीपीओ दीपक जमरा द्वारा किया गया।

 

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