बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवाती घेरा सक्रिय होने ये निमाड में मानसून ब्रेक खडित
मयंक शर्मा
खंडवा ८ सितम्बर ;अभी तक; करीब एक माह से अधिक समय सें वर्षा का इंतजार कर रहे लोगों के लिए बीती बुधवार गुरूवार की दरम्यिानी रात राहत भरी रही। वैसे बुधवार शाम से ही बादल छाने के साथ बारिश का दौर शुरू हो गया था। बंगाल की खाड़ी में े चक्रवाती घेरा सक्रिय होने से रूकरूक कभी तेज तो कभी हल्की बारिश पिछले 15 घण्टे से हो रही है। भू अभिलेख विभाग के अनुसार गुरूवार सुबह 8 बजे समाप्त 24 घण्टे में करीब 35 मिमी याने करीब डेढ इंच से बारिश होने से किसान प्रसन्न्चित्त है। 1 माह सेे बारिश नहीं होने से खरीीफ फसलों को भारी नुकसान हो चुका है और फसल की बर्बादी से आहत 24 साल के गा्रम दैत्य के किसान सुखराम पिता फत्तू ने सोमवार को जहर गटक कर अपनी इहलीला तक खतम कर ली है।
बुधवार को कांग्रेस के क्षेंत्रीय पूर्व विधाायक ठा राजनारायण सिंह पीडित किसान के यहां ढाढस बंधाने उसके गृह ग्राम पहुचे और सरकार से आथिक मदद की गुहार की।
ठा राजनारायणसिंह और उत्तमपालसिंह पुरनी ने शोक संवेदनाएं व्यक्त कर परिवार को आर्थिक सहायता भी प्रदाान की। मौके पर मौजूद राजस्व विभाग के अफसरों से सवाल किये। उन्होने आदिवासी किसान सुखराम की आत्महत्या के लिए प्रशासन और सरकार की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि जब अंग्रेजों के समय से आरबीसी का नियम चला आ रहा है कि फसल से लेकर मवेशी और इंसान की क्षति पर मुआवजा देना होता है। जब पुनासा में आफत की बारिश आई, लोगों के मकान गिर गए, फसलें बह गई। यहां तक मवेशी मर गए, इंसानों ने जैसे-तैसे जान बचाई। बावजूद दो महीने बाद भी किसानों को सरकारी नियमानुसार भी राहत नहीं मिल पाई। यानी सरकार निकम्मी है और प्रशासन अक्षम है।
मौके पर मौजूद पुनासा एसडीएम बजरंग बहादुरसिंह से उत्तमपालसिंह और राजनारायणसिंह ने दो टूक में कहा कि तत्काल बाढ़ प्रभावित किसानों को पहले मुआवजा दो। मृतक सुखराम के परिवार को आरबीसी के तहत आर्थिक सहायता दो। किसान की मौत के दूसरे दिन प्रशासन की नींद खुली है, जबकि हम लोग भोपाल में थे, जैसे जानकारी मिली तो आपसे पहले सीधे यहां आ गए। मैं सरकार में रहा हूं और आगे भी रहूंगा। इसलिए नियम-कायदे अच्छे से जानता हूं। एसडीएम ने कहा कि मृतक किसान के मृत बैलों की पीएम रिपोर्ट अभी प्राप्त हुई है, जल्द ही क्षतिपूर्ति की राशि दे दी जाएगी।
छैगांव ब्लाक के बुजुर्ग किसान इन्दरसिंह ने बताया कि बारिश होने मे एक पखवाडे की देर से फसले नष्ट हो चुकी है। सोचाबीन मंूग उडद चवंला तो नष्ठ हो चुका है और जिल ेमे परपरा गत रूप से 15 सित मानसून की बिदाई तिथि है ऐसे म अंतिम पडाव मेंझमाझम बारिश से बडी फसल मकका कपास ज्वार की दम तोडती फसलों को जीववनदान मिल सकता है। खुश इस बात की जब होगी जब अब तक 50 फीसदी कम बारिश की पूर्ति हो जाये। याने 14 इंच बारिश बरसे तसकि सालाना औसत बारिश के ग्राफ 808 एमएम के करीब कीी पूर्ति के साथ कुंओ नलकूपो नदिया तालाब का जलस्तर बढे और रबी अभियान के सफल होने की आहट हो।
राजस्थान की ओर से आ रही पश्चिमी हवाओं के कारण मौसम पूरी तरह शुष्क होने के साथ पिछले चचार हफतोसे उमस व तेज घूप से हालात सूखे के बना दिये लेकिन अब खेंच खंडित होने से सभी ने बारिश कर स्वागत किया। ं उमस भरी गर्मी को बाारिश ने घा उाला है तो बची कुची फसलों के लहलहान के आसाार है।
मौसम पेक्षक एसके गुप्ता ने कहा कि चक्रवाती घेरा कम दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित होकर सक्रिय होने से अगले तीन चार दिनो में बारिश का सिलसिला बना रहने के आसार है। निमाड अंचल में हल्की बारिश होगी, सितंबर के दूसरे सप्ताह के मध्य मे तेज बारिश होने की उम्मीद है। यह मौसम प्रणाली आगामी 12 से 18 सितंबर तक सक्रिय रहेगा। फिलहाल खंडवा में बारिश को लेकर यलो अलर्ट जारी किये जाने के संकेत है।