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दशहरे के दुसरे दिन एकादशी के मौके पर जिले के नाहरगढ़ नगर में निकलेंगा झिलमिलाती झांकियां का कांरवा 

महावीर अग्रवाल
मंदसौर २२ अक्टूबर ;अभी तक;  नाहरगढ़ : जिले के नाहरगढ़ नगर में विजयादशमी के एक दिन बाद एकादशी के अवसर पर परंपरागत रूप से झिलमिलाती झांकीयो का चल समारोह निकाला जाएगा।
                                         यह आयोजन विगत 13 वर्षों से नाहरगढ़ के युवा समाजसेवी ओमगिरी गोस्वामी के द्वारा आयोजित किया जा रहा है। क्षेत्र में चाहे सामाजिक क्षेत्र हो, धार्मिक या फिर खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने की बात हो तब सबकी जुबान पर एक ही नाम आता है गोस्वामी परिवार और यही कारण है कि वर्षो से चली आ रही में प्रथा जब खत्म होने की कगार पर दिखी तो इस परंपरा को निरन्तर जारी रखने का उठाने जिम्मा गोस्वामी परिवारों के युवा समाजसेवी ओमगिरी गोस्वामी ने उठाया ।
                                       दशहरे के दूसरे दिन निकलने ‘वाली झांकीयो का चल समारोह इस बार 14वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। नाहरगढ़ में दशहरे के एक दिन बाद एकादशी पर असत्य पर सत्य की विजय की खुशी में झांकियां निकाली जाती थी तथा अपने उत्साह को प्रदर्शित किया जाता था। लेकिन समय के साथ- साथ और प्रोत्साहन के अभाव में धीरे-धीरे नाहरगढ़ में निकलने वाली झांकियों की संख्या में कमी आने लगी और धीरे-धीरे झांकियां बंद होने की कगार पर आ गई। अंत में सिर्फ दो झांकियां ही शेष रह गई झांकियों के कम होने के कारण नाहरगढ़ में जो एकादशी पर भीड़ उमड़ती वह धीरे-धीरे समाप्त हो गई। नाहरगढ़ की इस परंपरा को कायम रखने का बीडा फिर समाजसेवी गोस्वामी परिवार के ओमगिरी गोस्वामी ने उठाया और अब वे इस परंपरा को निरन्तर बनाए रखे हुऐ 13 वर्षों के सफलयोगदान का नतीजा यह निकला कि अब नाहरगढ़ व आसपास क्षेत्र की जनता दशहरे के बाद एकादशी का इंतजार करती है। इस वर्ष भी समाजसेवी ओमगिरी गोस्वामी द्वारा प्रत्येक झाकियों को 7100 रुपए नगद राशी दी जाएगी ।
                                  साथ ही प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय आने वाली झांकियों को शील्ड देकर सम्मानित भी किया जाएगा। इस वर्ष भी समाजसेवी ओम गिरी गोस्वामी द्वारा नाहरगढ़ के समाजसेवी स्व. बाबूलाल सुराणा की स्मृति में प्रत्येक झाकियो प्रोत्साहित करने का काम किया जाएगा। क्योंकि स्वर्गीय बाबूलाल जी सुराणा का भी इस परंपरा में बड़ा ही योगदान है। जिनकी मेहनत के फल से ही लगातार इस परंपरा का निर्वाह होता जा रहा है। दो वर्ष पूर्व समाजसेवी सुराणा का निधन होने से झाकियों के इस आयोजन मे उनकी कमी खिलती है। उनके द्वारा लगातार कई सालों से इस परंपरा को निर्वाह करने का काम किया जा रहा था जब से यह बीड़ा समाजसेवी ओम गिरी गोस्वामी ने उठाया था तब से उनको कंधे से कंधा मिलाकर इस आयोजन को सफल बनाने का काम उनके द्वारा किया जा रहा था । जिसको देखते हुए समाजसेवी ओम गिरी गोस्वामी ने अपने मन में ठाना कि अब प्रत्येक वर्ष स्व. बाबूलाल जी सुराणा की स्मृति में प्रत्येक झांकियों को प्रोत्साहित स्वरूप 7100 रुपए दिए जाएंगे। आयोजन को लेकर नगर में तैयारियां शुरु हो चुकी है। और आयोजन को लेकर नगर सहित अंचल में खुशी का माहौल है।

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