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कलेक्टर ने परिषद वारासिवनी की अध्यक्ष तथा सी एम ओ को अगली सुनवाई की तिथि पर अनिवार्य रूप से उपस्थित होने के लिए वारंट जारी करने के आदेश दिये

आनंद ताम्रकार

बालाघाट 15 फरवरी ;अभी तक; कलेक्टर न्यायालय में विचाराधीन प्रकरण की सुनवाई हेतु नियत तिथि पर उपस्थित ना होने के कारण जिला कलेक्टर डाक्टर श्री गिरीश मिश्रा ने नगर पालिका परिषद वारासिवनी की अध्यक्ष तथा मुख्य नगरपालिका अधिकारी को प्रकरण की अगली सुनवाई की तिथि पर अनिवार्य रूप से उपस्थित होने के लिए वारंट जारी करने के आदेश दिये हैं

                                    यह उल्लेखनीय है की कलेक्टर न्यायालय में शासकीय नजूल भूमि को नगर पालिका परिषद द्वारा लीज पर आवंटित करने एवं आवंटित भूमि पर बनी अस्थाई झोपडी के मलबे को खरीदने बेचने तथा बिक्री पश्चात खरीददार के पक्ष में नगर पालिका द्वारा नामांतरण करने के संबंध में की गई शिकायत के परिपेक्ष्य में सुनवाई चल रही है।

प्रकरण की सुनवाई 12 फरवरी 2024 को नियत थी जिसमें उपस्थिति के लिये सीएमओ एवं अध्यक्ष को नोटिस जारी किये गये थे जिसकी तामिली हो चुकी थी लेकिन नियत तिथि पर सीएमओ और नगर पालिका अध्यक्ष के उपस्थित ना होने पर नाराजगी जाहिर करते हुए कलेक्टर ने आगामी 26 फरवरी 2024 को सुनवाई सुनिश्चित करते हुए उनकी अनिवार्य उपस्थिति के वारंट जारी करने के निर्देश दिये है।

शिकायतकर्ता द्वारा उल्लेखित शिकायत में कलेक्टर को अवगत कराया था की वारासिवनी नगर पालिका क्षेत्र में नेहरू चौक के समीप शासकीय नजूल भूमि पर मनीष रामचंदानी द्वारा आरसीसी स्लेब डालकर नगर पालिका की अनुमति प्राप्त किये बिना दुकान का अवैध निर्माण कर लिया है। उक्त शिकायत को कलेक्टर ने पंजीबद्ध करने पश्चात प्रकरण की सुनवाई जारी है।

प्रकरण की नियम तिथि 12 फरवरी को अध्यक्ष तथा सीएमओ को शिकायत में उल्लेखित इस तथ्य पर अपना जवाब प्रस्तुत करना था की नगर पालिका परिषद वारासिवनी द्वारा प्रस्ताव पारित कर अवैध निर्माण के प्रकरणों में समझौता शुल्क लेकर नामांतरण करने पश्चात अवैध निर्माण को वैधता प्रदान कर दी गई थी।

शिकायतकर्ता के अनुसार पारित किया गया प्रस्ताव नगर पालिका अधिनियम के अनुसार विधिसंगत नही है।

यह उल्लेखनीय है की कलेक्टर डाक्टर गिरीश मिश्रा वारासिवनी प्रवास के दौरान नगर पालिका परिषद कार्यालय पहुंचकर औचक निरीक्षण किया था निरीक्षण के दौरान पारित प्रस्ताव के संबंध में की गई तुष्टि उनके संज्ञान में आई थी तभी उन्होने सीएमओ और अध्यक्ष को निर्देश दिये थे की नियम विरुद्ध पारित प्रस्ताव को परिषद की बैठक में खारिज करवाकर उन्हें सुचित करे लेकिन सीएमओ और अध्यक्ष ने उक्त प्रस्ताव को आज तक खारिज नहीं करवाया।
इस प्रकार सीएमओ और अध्यक्ष द्वारा कलेक्टर के निर्देशों की अवहेलना की जा रही है

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