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भगावन श्री राम केवट संवाद की कथा सुनकर भाव विभोर हुए श्रोता

दीपक शर्मा

पन्ना १७ फरवरी ;अभी तक; पन्ना शहर के पुरुषोत्तमपुर मे श्री जगदीश स्वामी मंदिर में चल रही संगीतमय नौ दिवसीय श्री राम कथा के छठवें दिवस में राम वनवास व राम केवट संवाद कथा की मनोहारी व्याख्या करते हुए कथा वाचक श्री केदारनाथ शास्त्री महराज ने बडे ही मार्मिक ढंग से वर्णन किया।

इस दौरान उन्होंने कहा कि जब आप दूसरे की मर्यादा को सुरक्षित रखेंगे तभी आपकी मर्यादा सुरक्षित रह सकेगी। भगवान राम 14 वर्ष वनवास के लिए सीता और लक्ष्मण के साथ गंगा घाट पर पहुंचे और केवट से गंगा पार करने के लिए नाव मांगा तो केवट ने कहा, मैं तुम्हारे मर्म जान लिया हूं चरण कमलों की धूल के लिए सब लोग कहते हैं वह मनुष्य बना देने वाली कोई जड़ी है। पहले पांव धुलवाओ फिर नाव पर चढ़ाऊंगा। कथा व्यास श्री केदार नाथ शास्त्री जी ने कहा कि जिससे पूरी दुनिया मांगती है आज गंगा पार जाने के लिए दूसरे से मदद मांग रहे हैं, जो सारे सृष्टि को तीन पग में नाप सकता है, क्या वह पैदल गंगा नहीं पार कर सकता। भगवान दूसरों की मर्यादा को समझते हैं, वैसे ही घाट की एक मर्यादा होती है। भगवान केवट के पास इसलिए आए कि वह हम लोगों से कहना चाहते हैं कि हम लोग बहुत बड़े बड़े लोगों के दरवाजे पर उनके सुख-दुख में जाते रहते हैं। भगवान कहना चाहते हैं कि हमें कभी छोटे लोगों के यहां भी जाना चाहिए। राम केवट कथा सुनने से हमें यह सीख लेनी चाहिए। कथा को भाव व प्रेम से सुनने वाले ही ज्ञान प्राप्त करते हैं। रामायण का मुख्य रस करुणा  है, जिसके हृदय में करुणा आ जाए तो वीरता और पराक्रम की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

यह कथा लगातार 19 फरवरी 2024 तक अपरान्ह 3 बजे से शाम 7 बजे तक चलेगी। कथा समापन दिनांक 20 फरवरी को भव्य भंडारे के साथ होगा। श्री राम कथा सर्व समाज के सहयोग से चल रही है। आयोजन समित ने सभी भगवत प्रेमियों से आग्रह किया है कि अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर धर्म लाभ उठाएं और अपने समर्थानुसार धन का सहयोग करें।

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