अरूण यादव की गुना से दावेदारी के कारण गुना और खरगोन सीटो का उम्मीदवारी का मसला उलझ गया

मयंक शर्मा
खंडवा १८ मार्च ;अभी तक;  स्थानीय पूर्व सासंद व खरगोन के आयातित नेता अरूण यादव के इस बार परम्परागत खंडवा सीट छोडकर उन्होने   गुना  की दावेदारी के कारण दोनो सीटो का उम्मीदवारी का मसला उलझ गया है। यादव प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी जितेंद्र सिंह से भेंटकर गुना लोकसभा से चुनाव लड़ने के संबंध में अपना पक्ष रख चुके हैं।

अन्य दावेदरों में अवध्ेाश सिसौदिया  ठा राजनारायण सिंह तथा भीकनगांव की मौजूदा कांग्रेस विधायक ढूमा सोंलकी भी फेहरिश् मं खडे है। इनमें राजनारायणसिंह उम्मीदवारी को लेकर कम उत्साहित बताये जा रहे है।
राजनैतिक हल्को तेें कहा जा रहा है कि 2009 मेें अयण यादव खंडवा सीट से जीत दर्ज कर चुे है और केन्द्र में मंत्री भी बनाये गये थ।  वे कांग्रेस नेता अरूण यादव के वफादार होकर नजदीकी है। अंतत उन्हें खंडवा से उम्ममीदवारी दी जा सकती है तो अरूण यादव की अनिच्छा के चलते वे अपने भाई व पूर्व प्रदेश मंत्री सचिन यादव का नाम  आगे कर सके है। कांग्रेस के पूर्व सांसदो में अयण यादव को छोडकर बाकी परलोक गमन  कर चुके है तो भाजपा मे भी कमोबेस मौजूदा सांसद ज्ञाानेश्वर पाटिल को पुन उम्मीदवारी देकर भाजपा ने सीट पर कब्जा कायम रखने की ओर कदम बढा  दिया हैं।

                               फिलहाल भाजपा में गुटबाजी श्खिर की है तिसके कारण नंदू भैया के निधन के बाद हुये लोकसभा उपचुनाव  में श्री पाटिल कम वोटों से विजसी हो पाये थे। इस बार ज्वलत मुददो की आम मतदाता आधातिक हैं एसे कांग्रेस को दमदार उम्म्ीदवार की तलाश है।