इ-श्रम पोर्टल पर 17 हजाार के सर्वे में 12 हजार से अध्सिक हितग्र्र्र्राही अपा.त्र।
मयंक शर्मा
खंडवा २३ जुलाई ;अभी तक; इ-श्रम पोर्टल पर दर्ज श्रमिकों का राशन पात्रतााका सर्वे सत्यापन चल रहा है। सर्वै के दौरान पंजीकृत श्रमिकों में 12 हजार से अधिक अपात्र की श्रेणी में मिले हैं। इसमें कई ऐसे अपात्र मिले हैं जो सरकारी नौकरी में हैं। कुछ तो कंपनियों में भी जॉब कर रहे हैं। अपात्र श्रमिकों में लिस्ट में बीपीएल और शासन की निर्धारित अन्य 27 श्रेणी में नहीं आते हैं। ऐसे लोगों ने इ-श्रम पंजीयन पोर्टल पर पंजीयन कराकर राशन लेने ले रहे हैं या फिर लेने की तैयारी में हैं। खाद्य विभाग के सत्यापन के दौरान अपात्र की लिस्ट में डाल दिए गए हैं।
खाद्य जिला अधिकारी अरूण तिवारी ने बताया कि पोर्टल पर 35,602 पंजीकृत श्रमिकों का सत्यापन होगा। इसमें अब तक 17,522 श्रमिकों से अधिक का सर्वे हो चुका है। सत्यापन के दौरान 12,076 श्रमिकों को अपात्रता की श्रेणी में रखा गया है। इनमें अब तक खंडवा ब्लाक 658, छैगांव 359,हरसूद 1831,खालवा 1034 पंधाना 1338 पुनासा 1856 अपात्र मिले है।खंडवा ब्लाक 658, छैगांव 359,हरसूद 1831,खालवा 1034 पंधाना 1338ख् पुनासा 1856 अपात्र मिले है।उन्होने बताया कि सर्वे टीम के सत्यापन के दौरान पूछताछ में पता चला कि जावर निवासी राधेश्याम शिक्षक हैं। इनका परिवार इ-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत है।
इसी तरह पोर्टल पर पंजीयन कराने वाले श्रमिकों में शिवम सोलंकी और शिवांगी यादव आदि जॉब कर रहे हैं। ऐसे बारह हजार से अधिक संख्या में श्रमिकों को अपात्रता की श्रेणी में चिह्नित किया गया है। शासन की निर्धारित मापदंड में नहीं आने वाले श्रमिकों को अपात्र किया जा रहा है। मापदंड में नहीं आने वाले श्रमिकों को बाहर किया जा रहा है।
उन्होने बताया कि इ-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत श्रमिकों में से 4410 ऐसे मिले हैं जो पहले से ही राशन ले रहे हैं। नवीन पात्रता पर्ची के लिए 1036 मिले हैं। इसके अलावा राशन मित्र वाले 62 श्रमिक मिले हैं। सर्वे अभी जारी है। संख्या और बढ़ सकती है।
श्री तिवारी ने कहा कि बीपीएल कार्ड धारक, भवन एवं संनिर्माण कर्मकार मंडल के तहत पंजीकृत श्रमिकों एवं उन पर आश्रित परिवार के सदस्य, मुख्यमंत्री सुरक्षा योजना के तहत भूमि हीन मजदूर, सामाजिक सुरक्षा के पंजीकृत हितग्राही, अनाथ आश्रम, निराश्रित, वृद्धा आश्रम में निरूशुल्क निवासरत, शहरी घरेलू कामकाजी कर्मी, मंडियों में अनुज्ञापत्रधारी हम्माल एवं तुलाटवी, बंद मिलों में पूर्व नियोजित श्रमिक, बीड़ी श्रमिक, समस्त भूमिहीन कोटवार, रेलवे में पंजीकृत कुली, कुटीर एवं ग्रामों उद्योग बुनकर एवं शिल्पी, नगर निगम में पंजीकृत केशशिल्पी, दिव्यांग 40 फीसदी सेः अधिक, एचआइवी पीड़ित, अनुसूचित एवं अनुसूचित जन जाति परिवार, घुमक्कड़, विमुक्त परिवार, प्रदेश के पंजीकृत व्यवसायिक वाहन के चालक एवं परिचालक, मत्स्य पालन समितियों के सदस्य, कुष्ठ रोग पीड़ित, टांसजेंडर, उभयलिंगी व्यक्ति, मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण में सम्मिलित परिवार समेत अन्य वंचित वर्ग पात्र है।