श्रीमद् भागवद् महापुराण के उपदेशों को अपने जीवन में उतारों, तभी यह श्रवण करना सार्थक होगा – स्वामी आनन्दस्वरूपानंदजी सरस्वती
महावीर अग्रवाल
मन्दसौर १८ सितम्बर ;अभी तक ; श्री केशव सत्संग भवन खानपुरा मंदसौर पर दिव्य चातुर्मास पूज्यपाद 1008 स्वामी आनन्दस्वरूपानंदजी सरस्वती ऋषिकेश के सानिध्य में चल रहा था जिसका समापन 18 सितम्बर 2024 बुधवार पूर्णिमा के दिन हुआ। दो माह से सत्संग भवन में पूज्य स्वामी का चातुर्मास चल रहा था जिसके अंतर्गत प्रतिदिन प्रवचन हो रहे थे।
समापन अवसर पर भावुक होते हुए धर्मसभा में स्वामी श्री आनन्द स्वरूपानंदजी सरस्वती ने आपने दो माह तक श्रीमद् भागवद् महापुराण कथा का श्रवण किया अब आपकों इससे प्राप्त उपदेशों को अपने जीवन उतारना होगा और आत्म कल्याण का मार्ग प्रशस्त करना होगा। आपने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण और उद्धव के बीच का वृतांत हमारे लिए बहुत उपयोगी है उद्धव ने भगवान श्रीकृष्ण के उपदेशों को श्रवण का अपने जीवन का उद्धार कर भागवत कृपा प्राप्त की हमें भी यही करना है। आपने कहा कि हमें यह मनुष्य जीवन भागवत कृपा प्राप्त करने के लिए हि मिला ताकि हम भक्ति कर भागवत कृपा प्राप्त कर मुक्त हो सके। आपने कहा कि सत्संग का असर आपके आचरण में दिखना चाहिए वहीं सत्संग सफल माना जायेंगा।
इस अवसर पर केशव सत्संग भवन ट्रस्ट के अध्यक्ष जगदीशचंद्र सेठिया ने कहा कि बडे नसीबों से ऐसे सरल सहज संत का सानिध्य प्राप्त होता है। हमें दो माह तक पूज्य स्वामी जी ने बडे ही सरल तरीके से समझ आ ऐसे उदाहरण देकर श्रीमद् भागवद् महापुराण का श्रवण करवाया उसके लिए बहुत धन्यवाद आपका सानिध्य हमें आगे भी मिलता रहे ऐसी कामना। दो माह में मेरे द्वारा या किसी भी ट्रस्टी द्वारा कोई ऐसी बात की गई हो जिससे आपको बुरा लगा हो या आपकों ठेस पहुंची हो तो सम्पूर्ण केशव सत्संग भवन की ओर से आपसे क्षमा मांगता हंू।
ट्रस्ट सचिव कारूलाल सोनी ने अंत में सबका आभार माना और कहा कि हमें आप जैसे संतों का मार्गदर्शन आगे भी मिलता रहें ऐसे कामना करते है। आपने बहुत ही अच्छे तरीके से दो माह तक श्रीमद् भागवद् महापुराण के एकादश स्कंद श्रवण करवाया निश्चित रूप से यह हम सभी के जीवन में नई रोशनी लाने का कार्य करेंगा।
कार्यक्रम के अंत में भगवान की आरती उतारी गई एवं प्रसाद वितरित किया गया। इस अवसर पर ट्रस्ट के अध्यक्ष जगदीशचंद्र सेठिया, सचिव कारूलाल सोनी, प्रहलाद काबरा, आर सी पंवार, मदनलाल गेहलोत, जगदीश गर्ग, पं शिवनारायण शर्मा, मदन देवड़ा, घनश्याम भावसार, राधेश्याम गर्ग, भगवतीलाल पिलौदिया, डॉ प्रमोद कुमार गुप्ता, राजेश देवडा, प्रवीण देवडा, नीलमचंद भावसार, संतोष जोसी सहित बडी संख्या में महिलाएं पुरूष उपस्थित थे।