प्रदेश

कलेक्टर ने की गबन के प्रकरणों की वन टु वन समीक्षा, गबन राशि की वसूली सख्ती से करने के दिये निर्देश

आशुतोष पुरोहित
 खरगोन 27 अक्टूबर ;अभी तक ;     सहकारी संस्थाओं के गबन धोखाधड़ी के प्रकरणों की कलेक्टर श्री कर्मवीर शर्मा की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक की गई। बैठक में उपायुक्त सहकारिता श्री अम्बरीष वैद्य के द्वारा विषयवार जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक, पैक्स एवं अन्य सहकारी संस्थाओं के प्रकरणों की बिंदुवार जानकारी देते हुए बताया गया कि सहकारी बैंक के कुल 03 प्रकरणों राशि रू. 43.41 लाख के है। जिनमें से 02 प्रकरणों में रू. 16.89 लाख की वसूली की जा चुकी है तथा रू. 33.78 लाख की वसूली शेष है इस हेतु म.प्र. सहकारी अधिनियम अतंर्गत डिकी प्राप्त की जा चुकी है  02 प्रकरणों में दोषियों की सेवा समाप्त की जा चुकी है। 01 प्रकरण में विभागीय जाँच प्रक्रियाधीन है।
                                   इस पर कलेक्टर श्री शर्मा द्वारा निर्देश दिये गये कि गबनकर्ताओं से गबन की शेष राशि की वसूली शख्ती के साथ की जायें। उनकी चल, अचल सम्पत्तियों की जानकारी प्राप्त की जाकर नियमानुसार समयबद्ध रूप से उनकी सम्पत्ति कुर्क कर सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ बिकी करते हुए राशि की वसूली करें।
                                          पैक्स संस्थाओं में गबन के 09 प्रकरणों की समीक्षा करते हुए कलेक्टर के द्वारा उपायुक्त सहकारिता को निर्देश दिये गये कि सभी संस्थाओं में सहकारिता विभाग के अधिकारी ही संस्था प्रशासक के रूप में नियुक्त अतः गबनीत कर्मचारियों/ पदाधिकारियों के विरूद्ध सख्त प्रशासनिक एवं अपराधिक कार्यवाई की जावें। इस हेतु उनके विरूद्ध पुलिस प्राथमिकी दर्ज कराने हेतु पुलिस से समन्वय स्थापित करते हुए उन्हें वांछित दस्तावेज / साक्ष्य उपलब्ध कराये जायें।
                                         अन्य संस्थाओं के गबन प्रकरणों की समीक्षा करते हुए रू. 20 करोड की आर्थिक अनियमितता का अंवति सहकारी सूतमील सनावद के प्रकरण में अभी तक की कार्यवाई पर उनके असंतोष व्यक्त कर कहा गया कि जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के तत्कालीन अधिकारी / पदाधिकारियों के द्वारा निर्धारित मापदंडों के विपरीत ऋण स्वीकृत करने हेतु उनके विरूद्ध म.प्र. सहकारी अधिनियम अंतर्गत कार्यवाई किये जाने हेतु प्रस्ताव राज्य शासन को प्रेषित किया जावें तथा प्रकरण में लिप्त दोषि कर्मचारियों के विरूद्ध न्यूनतम दीर्घशासीत के दंड से दंडीत करने की कार्यवाई की जावें। बैंक प्रबंध संचालक पी.एस. धनवाल के द्वारा अवगत कराया गया कि अवंति सहकारी सूतमील में वर्तमान में बैंक प्रशासक नियुक्त है, किन्तु सूतमील की परिसम्पत्तियां विक्रय योग्य नहीं होने के कारण वसूली की कार्यवाई नही की जा पा रही है। इस कारण बैंक की लगभग रु. 98.00 करोड की राशि कालातीत बकाया शेष है। जिला उपभोक्ता भंडार खरगोन में आर्थिक अनियमितता के प्रकरण में उपायुक्त सहकारिता के द्वारा अगवत कराया गया कि दोषियों के विरूद्ध पुलिस प्रकरण पंजीबद्ध करा दिया गया है जो वर्तमान में न्यायालय में विचाराधीन है। राशि की वसूली हेतु रू. 7.19 करोड़ की सहकारी न्यायालय के द्वारा डिकी जारी कर दी गयी है जिसके निष्पादन की कार्यवाई की जारी है।

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