भू गर्भीय हलचल के चलते जामली खुर्द गांव एक बार फिर धमाकों से दहशत
मयंक शर्मा
खंडवा २ नवंबर ;अभी तक ; जिले के समीपस्थ जामली खुर्द गांव एक बार फिर धमाकों से दहशत में है। पिछले एक हफते से यहां .े भू गर्भीय हलचल हो रही है. । शुक्रवार भी तेज आवाज सुनकर और हलचल महसूस कर गांववाले घरों से बाहर निकल आए.। इसके बाद उन्होंने इसकी सूचना प्रशासनिक अधिकारियों को दी। सूचना मिलते ही प्रशासनिक अधिकारी भी गांव में निरीक्षण करने पहुंचे। ग्रामीणों को अंदेशा है कि यहां धरती हिलने से घर के बर्तन, चार्जिंग पर लगे मोबाइल जमीन पर गिर गए. हालांकि ब्लाक स्तर परर पंधाना में स्थापित भूकंपमापी केंद्र के रेक्टर स्केल पर धमाकों और झटकों की तीव्रता दर्ज नहीं हो पा रही।
गौरतलब है कि, पंधाना क्षेत्र भूकंप और भू गर्भीय हलचल को लेकर चर्चाओं में रहता है. यहां 1993 से 2001 तक भूगर्भीय हलचल बहुत तेजी से होती रही है.। इसी साल 21 जून की सुबह भी खंडवा में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. इसकी तीव्रता 3.6 थी।. भूकंप का केंद्र जमीन के 10 किमी की गहराई पर ।, 21 जून को सुबह करीब 9.05 बजे धरती में हलचल हुई । लोगों को कहीं दूर से बम विस्फोट जैसी आवाज आई थी। इस आवाज के साथ ही कुछ पल के लिये धरती हिलने लगी थी। ये झटके खंडवा नगर के हाउसिंग बोर्ड एलआईजी कॉलोनी, कीर्ति नगर, नवकार नगर, गुलमोहर कॉलोनी, आनंद नगर, माता चैक आदि जगहों पर महसूस किए गए थे. स्थानीय लोगों ने भी इस बात की पुष्टि की थी। जलेबी चैक गुलमोहर कॉलोनी के लोग और कीर्ति नगर के लोग बुरी तरह डर गए थे.
उधर निमाड अंचल के अन्य स्थानों से नर्मदा तट के गांवों में भी इन दिनों भूगर्भीय हलचल हो रही है। कंपन के साथ धमाके की आवाज सुनाई दे रही है।अलीराजपुर जिले के , अकलघरा, किलोड़ा, कोसारिया, अट्ठा, सिरखड़ी, मनखडा आदि गांव में भूगर्भीय हलचल की सूचना मिली है। लगातार इस तरह की भूगर्भीय घटनाओं से लोगों में डर व्याप्त है।सोंडवा के एक अधिकारी सीजी गोस्वामी ने कहा कि कुछ गांवों में भूगर्भीय हलचल होने की सूचना मिली है। जांच के लिए मौके पर टीम भेजी गई है। भूकंप नहीं है, मात्र भूगर्भीय हलचल है। नर्मदा से सटे क्षेत्रों में मानसून के बाद भूगर्भीय प्लेटें टकराने से ऐसी घटनाएं होती हैं। इस बारे में विशेषज्ञों से सलाह ली जा रही है। ग्रामीणों को सतर्क रहने को भी कह दिया गया है।
खंडवा से पहले 11 जून को बैतूल में भी भूकंप आया था। दोपहर को यहां ताप्ती नदी के किनारे कंपन हुआ था. यह कंपन इतना तेज था कि कुछ घरों की दीवारों में दरारें तक आ गईं थीं. धरती हिलते ही लोग डर गए और घरों से बाहर निकल आए थ।.