प्रदेश
डेढ़ हजार करोड़ की सूक्ष्म आवर्धन सिंचाई योजना टांय टांय फ़िस्स, सिर्फ लीकेज और लीकेज पूरे वर्ष लीकेज
महावीर अग्रवाल
मन्दसौर १२ नवंबर ;अभी तक ; कोटड़ा बुजुर्ग।गरोठ भानपुरा सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के लिए लगभग डेढ़ हजार करोड़ से अधिक की सूक्ष्म जल आवर्धन सिंचाई योजना आवरा से अंगारी तक गत वर्ष 10 नवंबर 2023को प्रारंभ किया गया किंतु 365 दिन में से 2 दिन भी यह योजना 12 घंटे लगातार नहीं चली।
बार-बार सिर्फ और सिर्फ लीकेज ही लीकेज चारों तरफ लीकेज दिखाई दे रहे हैं जो घटिया निर्माण की कहानी दिखाई दे रही की 400 एमएम की लाइन कहीं-कहीं तो एक डेढ़ फीट की डाली गई है वहीं 63 एमएम की लाइन किसानों के कल्टीवेटर पंजे में फंसकर बाहर झांकने लगी है यह इस योजना का भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। गत वर्ष इस योजना की कमी उसे समय उजागर हो गई जब पहले ही बरसात में 400 एमएम की लाइन बरसात में बाहर झांकने लगी आधिकारियो ने तत्काल जाकर उस पर लीपा पोती की किंतु अभी भी इस योजना का भ्रष्टाचार सामने दिखाई दे रहा है। यहां तक की इस योजना में कंपनी के करिंदों ने इतनी लापरवाही की की 400 ,600 एमएम की लाइन में कहीं-कहीं तो एयरवाल रखे ही नहीं जिससे 400 एमएम की लोहे की पाइप और उसे पर लगा सीमेंट का लेप था फिर भी विस्फोट हो गया और पानी के तेज बहाव के कारण खेत की पूरी बह गईं।
कारिंदे करते मनमानी ,,,
कंपनी के अधिकारियों की छोड़िए वे तो शालीनता से बात करते हैं किंतु उनके नीचे जो कारिंदे काम करते हैं वह अपने आप को ऑफशोर कंपनी के मालिक समझते हैं। ऐसा लगता है ये ही ऑफशोर कम्पनी के नीति निर्माता नियंता हो किसानों से ऐसा व्यवहार करते हैं मानो यह उन किसानों की भाग्य विधाता हो किसान जब उन्हें लाइन के चलने की पूछते हैं तो इनका जवाब चौंकाने वाला होता है।
यहां तक की मीडिया से भी यह बदतमीजी से बात करने से बाज नहीं आते और फिर प्रोजेक्ट मैनेजर मीडिया से इनकी गलतियों की माफी मांगते रहते हैं।
यहां तक की मीडिया से भी यह बदतमीजी से बात करने से बाज नहीं आते और फिर प्रोजेक्ट मैनेजर मीडिया से इनकी गलतियों की माफी मांगते रहते हैं।
तारीख पर तारीख,,,
अभी तक बार-बार तारीख के बदल रही है कोटड़ा बुजुर्ग में लाइने नहीं चली है एक दिन मात्र 2 घंटे के लिए चली थी पर उसमें भी इतने लीकेज आ गए की 5 दिन में भी बंद नहीं हुवे।
बार-बार लीकेज हर बार लीकेज,,,
10नवम्बर 23से 365दिन मैं एक भी दिन ऐसा नहीं आया जब यह लाइन लीकेज नहीं हुई हो प्रतिदिन लीकेज ही लीकेज,,,हर पल लीकेज,,, सिर्फ लीकेज ही लीकेज,,, लीकेज होना इस पाइप लाइन नियति बन गई हैं। सूक्ष्म जल आवर्धन योजना के बाद ऐसा लगा था मानो किसानों की किस्मत पलट जाएगी पर यह आशा आकाश कुसुम ही साबित हुई।