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गांधी स्मृति स्वतंत्रता वाटिकाnकी हो रही है सतत् उपेक्षा- एड. कांतिलाल राठौर

महावीर अग्रवाल 

मन्दसौर १४ नवंबर ;अभी तक ;   जिला कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एडवोकेट कांतिलाल राठौर ने नगर के उत्तरी छोर पर स्थित ‘‘गांधी स्मृति स्वतंत्रता वाटिका’’ की सतत् उपेक्षा पर रोष व्यक्त किया है। स्वाधीनता की 40 वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में गुराड़िया नाके पर लगभग चालीस बीघा के क्षेत्र में आज़ादी की लड़ाई के अमर सेनानियों की स्मृति में तत्समय आकर्षक वनोद्यान बनाया गया था। उस समय यह कल्पना की गयी थी कि  इस वाटिका में महारानी लक्ष्मीबाई, भगवान बिरसामुण्डा, शहीद ए आज़म भगतसिंह, चंद्रशेखर आज़ाद, रामप्रसाद बिस्मिल, नेताजी सुभाष चंद्र बोस  आदि महामानवों  के साथ ही देश की एकता-अखंडता सुरक्षित रखने के प्रयास में अपने प्राणों का बलिदान देने वाले महात्मा गांधी जैसे वंदनीय महापुरुषों की प्रतिमायें इस स्वतन्त्रता वाटिका में स्थापित की जायेंगी।

इस प्रकार इस स्थल को एक रमणीय तथा देश भर में अनूठे उद्यान के रूप में विकसित करने का संकल्प लिया गया था। इस स्थल का चयन इसलिए भी किया गया था क्योंकि दिसंबर 1857 में इस गांव गुराड़िया दीदा में ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन के विरूद्ध भीषण संग्राम हुआ था जिसमें अनेक शहादतें हुई थीं। इस प्रकार ये स्थल मंदसौर के लिये ना केवल वंदनीय है, बल्कि  गौरव का भान करवाने वाला महत्वपूर्ण स्थान भी है। परंतु ऐसे स्थल की लगातार उपेक्षा के कारण आज ये स्थान अस्तव्यस्त और गंदगी से अटा पड़ा है। मार्ग से गुजरने वाले वाहनचालक तथा कचरा बीनने वाले लोगों  ने इस वाटिका को एक खुले सार्वजनिक शौचालय में बदल दिया है।

प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा के कारण शहीदों  का ऐसा अपमान हो रहा है। शहीदों की स्मृति में लगाये गये वटवृक्ष के टूटे पड़े चबूतरे और लटक गयी शिलापट्टिका की मरम्मत का कार्य गांधीवादी समाजसेवक राजेश तिवारी द्वारा अवश्य करवाया गया है। पर ध्वस्त कुंये और क्षतिग्रस्त हो चुकी मालीकुटी की मरम्मत भी होनी चाहिए।  कांतिलाल राठौर ने कहा है कि यदि प्रशासन और जनप्रतिनिधि ध्यान नहीं दे रहे हैं तो जनता को स्वयं इस स्थान को अमर शहीदों की गरिमा के अनुरूप विकसित करने के लिये पहल करनी चाहिए  ।

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