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चातुर्मास पूर्ण होने पर साध्वी श्री रमणीककुंवरजी म.सा. आदि ठाणा 4 की हुई मंदसौर से विदाई

mahaveer agrwal 
 
मन्दसौर 18 november ;abhi tk;  नईआबादी शास्त्री कॉलोनी में चार माह तक विराजित होकर धर्मप्रभावना करने वाली साध्वी श्री रमणीककुंवरजी म.सा., साध्वी श्री चंदनाश्रीजी म.सा., साध्वी श्री लाभोदयाजी म.सा., साध्वी श्री जिज्ञासाजी म.सा. का चातुर्मास पूर्ण होने पर साध्वी मण्डल को शास्त्री कॉलोनी के श्री जैन दिवाकर स्वाध्याय भवन से बिदाइ दी गई। इस अवसर पर साध्वीजी की विहार यात्रा एवं कर्तज्ञता सभा का भी आयोजन किया गया। चातुर्मास अवधि पूर्ण होने पर चारों साध्वियों ने स्वाध्याय भवन से विहार किया। उनकी विहार यात्रा में बड़ी संख्या में स्थानकवासी जैन समाज के श्रावक श्राविकायें शामिल हुये और उन्होंने भगवान महावीर स्वामी जैन दिवाकर चौथमलजी म.सा. व साध्वीजी के जयकारे लगाते हुये विहार यात्रा में सहभागिता की। अफीम गोदाम रोड़, जैन दिवाकर द्वारा बीपीएल चौराहा, महू-नीमच रोड़ होते हुये विहार यात्रा नईआबादी के महावीर भ्वन पहुंची यहां साध्वीजी की प्रेरणा व सानिध्य में कर्तज्ञता सभा का आयोजन किया गया।
                                                     साध्वी श्री रमणीक कुंवरजी म.सा. ने कहा कि मंदसौर श्रीसंघ ने चातुर्मास के दौरान जो भी धर्म आराधना व साध्वी की सेवा की यह अद्भूत है। चातुर्मास काल में अपने जो धर्म आराधना की है वह निश्चित रूप से आपके जीवन में परिवर्तन का कारण बनेगी। संत साध्वी एवं सरिता अर्थात नहीं सदैव चलायमान अर्थात नहीं सदैव चलायमान अर्थात गतिशील ही शोभा देते है। ठहरा हुआ पानी दुर्गंध का कारण बन सकता है जबकि नदी में प्रवाहमान जल निरोगी रखता है इसलिये जो भी संत साध्वी आते है वे चाह माह बाद विहार करते ही है इसलिये जीवन में कभी भी संतों के विहार के मौके पर हावी नहीं होना चाहिए। चातुर्मास के दौरान यदि कुछ कहने में आया हो तो  मिच्छामी दुक्कड़म।
                                                धर्मसभा में श्रीसंघ अध्यक्ष अशोक उकावत, पूर्व अध्यक्ष विनोद कुदार, साधुमार्गी शांत क्रांति  जैन श्रावक संघ अध्यक्ष विमल पामेचा, नवयुवक परिषद अध्यक्ष पवन जैन एचएम, श्रीमती प्रेमलता तलेरा, मिष्ठी पटवा, चंदा मारू, कांता कुदार, नीता चपरोद, मनीषा मेहता, किरण नलवाया, रीना चौपड़ा, दिप्ती जैन ने भी अपने विचार रखे। जैन दिवाकर नईआबादी महिला मण्डल, जैन दिवाकर बहु मण्डल, जैन दिवाकर विचार मंच महिला मण्डल ने स्तवन (गीत) प्रस्तुत किये। धर्मसभा में प्रकाश रातड़िया, कांतिलाल रातड़िया, मनेाहर नाहटा, लोकेन्द्र जैन गोटावाला, रवि रांका, आशीष उकावत, सागरमज जैन गरोठ वाला, डॉ. बी.आर. नलवाया, अनोखीलाल नलवाया, अजीत नाहर, समरथ नाहटा, सुनील तलेरा, नेमकुमार कुदार, राजेन्द्र तांतेड़, सुरेन्द्र भण्डारी, राजकुमार भण्डारी, कमल कच्छारा, अशोक फिटिंग, पत्रकार संजय भाटी सहित कई श्रावक श्राविकायें भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन अशोक झेलावत ने किया तथा आभार मनोहर नाहटा ने माना

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