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कन्या आश्रम छिरवा की अधीक्षिका रीता खरते को सहायक आयुक्त ने किया निलंबित

आशुतोष पुरोहित
खरगोन ३०  जनवरी: ;अभी तक ;   मध्यप्रदेश खरगोन जिले में एक हॉस्टल सुपरीटेंडेंट को छात्रावास में विद्यार्थियों को बाइबल पढ़वाना महंगा पड़ गया है। जांच के बाद आरोप सही पाए जाने पर उसे निलंबित कर दिया गया है। आगे की जांच के बाद पुलिस कार्यवाही भी संभावित है।
 मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के भीकन गांव क्षेत्र में एक शासकीय छात्रावास की अधीक्षिका को विद्यार्थियों को बाइबल पढ़वाने के लिये दुष्प्रेरित करने व अन्य प्रकार से प्रताड़ित करने के आरोप में  निलंबित कर दिया गया है।
सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग प्रशांत कुमार आर्य ने बताया कि छात्राओं को अन्य धर्म की शिक्षा के लिए दुष्प्रेरित करने, आश्रम की साफ सफाई का कार्य व प्रताड़ित करने की शिकायत मिली थी। इस मामले में शासकीय अनुसूचित जनजाति कन्या आश्रम छिरवा की अधीक्षिका रीता खरते को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि छात्रावास अधीक्षिका के विरुद्ध शिकायत की जांच के दौरान छात्राओं एवं पैरेंट्स के कथन लिए गए थे । जिसमें शिकायत को सही पाया गया और यह कार्रवाई की गई।
उन्होंने बताया कि इस मामले में छात्रावास अधीक्षिका के विरुद्ध विभागीय जांच आरंभ की गई है और इसमें यदि कोई कानूनी बिंदु सामने आता है, तो उनके विरुद्ध पुलिस कार्रवाई भी प्रस्तावित की जाएगी।
 आश्रम की छात्राओं ने अधीक्षिका की कथित प्रताड़ना से परेशान होकर सोमवार को आश्रम छोड़ दिया था। ग्रामीण और अधिकारियों की समझाइश इस पर वे आश्रम में रहने के लिए तैयार हुई थी। उनका आरोप था कि छात्रावास अधीक्षक द्वारा उन्हें बाइबल पढ़ने के लिए मजबूर किया जाता है। लैट्रिन, बाथरूम की सफाई, कपड़े बर्तन धोने तथा अन्य तरीके से प्रताड़ित भी किया जाता है।
उन्होंने आरोप लगाया था कि छात्रावास अधीक्षिका  ने एक स्कूल छोड़ चुकी लड़की को उनकी निगरानी के लिए लगाया था। वह लड़की उन्हें बाइबल पढ़वाती थी।
मौके पर गए अधिकारियों ने बाइबल की प्रति जब्त करने के अलावा छात्राओं की कापियों में बाइबल के मोटिवेशनल कोट्स भी लिखे हुए पाए थे। अधिकारियों के निर्देश पर छात्रावास अधीक्षिका को अवकाश पर जाने के लिए कह दिया गया था।

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