अंतर्राष्ट्रीय संस्था ‘‘स्पिक मैके‘‘ के वार्षिक सम्मेलन की तैयारियां शुरू

महावीर अग्रवाल
 मंदसौर  ११ अप्रैल ;अभी तक;  नागपुर शहर के लिए ये बड़े गौरव की बात है कि स्थानीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय वी एन आई टी (सर विश्वेवरेया शासकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय) की मेजबानी में अंतर्राष्ट्रीय संस्था स्पिक मैके (सोसाइटी फॉर द प्रमोशन ऑफ इंडियन क्लासिकल म्यूजिक एंड कल्चर अमोंगस्ट यूथ) के तत्वावधान में सात दिवसीय  इंटरनेशनल कन्वेंशन का आयोजन आगामी  29 मई से 4 जून तक किया जाएगा ।
                                      स्पिक मैके जिला कॉर्डिनेटर श्रीमती चन्दा डांगी ने नागपुर से लौटकर बताया कि आयोजन में सहभागिता के लिए देश के 12 राज्यों के स्कूल और कॉलेजों के विद्यार्थियों से करीब 1500 प्रविष्टियां अभी तक प्राप्त हो चुकी है । आयोजन के दौरान विद्यार्थियों की दिनचर्या सुबह 4 बजे से 3 घंटे के योगाभ्यास से प्रारंभ  होगी । इसके अलावा विद्यार्थी 25 विभिन्न कार्यशालाओं में प्रशिक्षण ले सकेंगे जिसमें आर्ट एण्ड क्राफ्ट, शास्त्रीय नृत्य,गायन,वादन जैसी विधाएँ शामिल है । इन कार्यशालाओं में राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित एवं अवार्डेड कलाकारों द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा।  संध्याकाल में शास्त्रीय नृत्य, संगीत एवं वादन की विधाओं में ए ग्रेड तथा पद्मश्री और पद्म विभूषण सम्मान प्राप्त कलाकारों द्वारा स्टेज पर प्रस्तुति दी जाएगी । आयोजन के दौरान विद्यार्थियों को सात्विक भोजन उपलब्ध कराया जाएगा जिसमें चाय कॉफी समेत अन्य फास्ट फूड वर्जित रहेंगे।  साथ ही मोबाइल फोन का प्रयोग भी वर्जित रहेगा ।
                                          पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव में तेजी से लुप्त होती जा रही अर्वाचीन भारतीय संस्कृति को संरक्षित रखने के लिए स्पिक मैके संस्था अपने संस्थापक पद्मश्री डॉक्टर किरण सेठ के नेतृत्व में पिछले 46 सालों से सतत इस महायज्ञ में प्रयासरत है । देश विदेश में फैले हजारों वालंटियर्स एवं संस्कृति प्रेमी इस आंदोलन को सफलतापूर्वक चलाने के लिए तन मन धन से लगे हुए है । उल्लेखनीय है कि सन 2017 एवं सन 2021 मे आयोजित अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन का उद्घाटन वन इंडिया- वन नेशन के प्रणेता सम्माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा  वर्चुअल माध्यम से किया गया था । इस आयोजन के अलावा स्पिक मैके द्वारा वर्ष भर देश के विभिन्न भागों में दूर -दराज स्थित शासकीय और अशासकीय विद्यालयों में पहुंच कर शास्त्रीय नृत्य, संगीत, आर्ट एण्ड क्राफ्ट की कार्यशालाएं आयोजित करती रहती है शासकीय विद्यालयों के लिए ये कार्यशालाएं पूर्णतया निशुल्क है वहीं अशासकीय विद्यालयों से नाममात्र की सहयोग राशि आयोजन के लिए ली जाती है । गौरतलब बात यह है कि इतनी बड़ी संस्था का देश मे कहीं भी कोई आफिस, कर्मचारी तक नहीं है।