अनुपयोगी कुए एवं नलकूप इत्यादि में छोटे बच्चों एवं व्यक्तियों को गिरने की घटना को रोकने के लिए जिले में धारा 144 लागू

महावीर अग्रवाल
मंदसौर 2 अप्रैल ;अभी तक;  कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट श्री दिलीप कुमार यादव ने अनुपयोगी कुए एवं नलकूप, खुले नलकूप, सार्वजनिक एवं निजी बोरवेल खुले कुए/ कुईया, बिना मुंडेर वाले कुए में छोटे बच्चों एवं व्यक्तियों को गिरने की घटना रोके जाने के संबंध में दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा-144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है।
माननीय उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली द्वारा पारित निर्णय के पालन में अनुपयोगी एवं खुले नलकूप (निजी एवं सार्वजनिक), बोरवल, कुए, कुईया, बावड़ी, बिना मुंडेर वाले कुए में छोटे बच्चों एवं अन्य व्यक्तियों के गिरने की घटनाओं को दृष्टिगत रखते हुए संपूर्ण जिला मंदसौर की सीमा मैं कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, जिला मंदसौर, द्वारा दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा-144 के तहत आदेश जारी किया है।
मंदसौर जिले की सीमा अंतर्गत स्थित समस्त सार्वजनिक एवं निजी नलकूप, बोरवेल जिनका कि उपयोग नहीं किया जा रहा है, या जिनमें मोटर नहीं लगी है, उन नलकूप / बोरवेल पर बोर केप लगाए जाने हेतु संबंधित मकान मालिक / कृषक / संस्था या समिति को आदेशित किया गया है।
समस्त निजी / सार्वजनिक अनुपयोगी खुले कुए, कुईया, बावड़ी, बिना मुंडेर वाले कुए आदि को लोहे की मजबूत जाली लगाकर बंद किया जावे तथा जाली लगाने के बाद उसकी मुंडेर इनती उँची बनाई जावे कि बच्चे या कोई व्यक्ति उसमें गिर न सके।
जिले में स्थित ऐसे समस्त परंपरागत प्राचीन कुए/बावड़ीयाँ जो कि लोगों द्वारा कब्जा कर गार्डर पट्टी या सीमेन्ट कांक्रीट से कवर्ड (बंद) कर दिया गया है या जो खाली पड़े है. उन्हें मिट्टी / मटेरियल से पुरा भरकर लोहे की मजबूत जाली लगाकर बंद करे तथा उसकी उँची मुंडेर बनाई जावे, इसी तरह जिले में स्थित सड़कों, ग्राम सड़क, खेतों पर जाने वाले रास्ते पर एवं अन्य जगहों पर स्थित सार्वजनिक एवं निजी बिना मुंडेर के कुए / कुईया आदि की मुंडेर उँची कराई जाने के लिए निर्देशित किया गया है।
उक्त आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति अथवा व्यक्तियों / संस्थाओं के विरुद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जावेगी। यह आदेश दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 (2) के तहत एकपक्षीय रूप से पारित किया गया है। यह आदेश जारी होने के दिनांक से आगामी आदेश तक प्रभावशील रहेगा।