अफीम तस्करी करने वाले आरोपी को 3 वषर् का सश्रम कारावास व 25000/- रू जुमार्ना

महावीर अग्रवाल
मंदसौर ९ मई ;अभी तक;   माननीय विशेष न्यायाधीश महोदय एनडीपीएस एक्ट मंदसौर द्वारा आरोपी बालमुकुन्द पिता कंवरलाल राठौर उम्र 38साल नि0गा्र0 लसुडावन थाना अफजलपुर जिला मंदसौर को अफीम तस्करी करने का दोषी पाते हुए 3 वषर् का सश्रम कारावास और 25 हजार रू अथर्दण्ड से दण्डित किया।
                        अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी दीपक जमरा द्वारा घटना के संबंध में बताया कि दिनांक 23.02.2017 को थाना कोतवाली पर पदस्थ सब इंस्पेक्टर वीरसिंह देवडा मुखबिर सूचना मिली कि दो व्यक्ति मादक पदाथर् अफीम खरीदकर उसे सफेद रंग के थैले में भरकर हीरो होंडा मोटरसाईकिल से दलौदा होते हुए मंदसौर किसी तस्कर को देने जाने वाले है यदि पुरातत्व संग्रहालय के सामने रोड पर तत्काल नाकाबंदी की जाए तो अफीम सहित उन्हे पकडा जा सकता है। सूचना विश्वसनीय होने से एसआई वीरसिंह मय फोसर् के पुरातत्व संग्रहालय  मंदसौर जावरा हाईवे पंहुचे और नाकाबंदी की थी, थोडी देर बाद दलौदा तरफ से मुखबिर के बताये हुलिये के दो व्यक्ति हीरो होंडा मोटरसाईकिल पर आते हुए दिखे थे जिन्हें हमराह फोसर् की मदद से रोका था दोनों आरोपियों के बीच में मोटरसाईकिल पर एक सफेद रंग का थैला रखा था मोटरसाईकिल से नीचे उतारकर नाम पता पूछने पर एक ने अपना नाम बालमुकुंद  बताया तथा दूसरे ने बालक आर बताया था। तत्पश्चात उन्हें मुखबिर सूचना से अवगत कराया और तलाशी लेने की बात कही। आरोपीगण के आधिपत्य के सफेद रंग के थैले की तलाशी लेने पर उसके अंदर एक गुलाबी रंग की पाॅलीथिन की थैली मिली थी जिसका मुंह सुथली से बंधा था जिसे खोलकर देखने पर उसके अंदर काला मटमैले रंग का पदाथर् भरा हुआ था जिसे सूंघकर चखकर देखने पर अफीम होना पाया गया। आरोपीगण से अफीम लाने ले जाने के परमिट आदि का पूछते उनके द्वारा नही होना बताया। उक्त मादक पदाथर् अफीम का तौल इलैक्ट्रªाॅनिक तराजू बांट से किया गया तो अफीम का कुल बजन 1 किलो 200 ग्राम होना पाया गया। आरोपियों का कृत्य धारा 8/18 एनडीपीएस के तहत दंडनीय होने से आरोपीगण को गिरफतार कर मौके की संपूणर् कायर्वाही पश्चात मय जप्तशुदा अवैध मादक पदाथर् अफीम जप्त कर थाने पर वापसी उपरांत आरोपीगण के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध किया गया व संपूणर् अनुसंधान उपरांत माननीय न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया।
         माननीय न्यायालय द्वारा अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य एवं तकोर्ं से सहमत होकर आरोपी को दोषसिद्ध किया।
नोट- बालक आर. नाबालिग होने से उसके विरूद्ध किशोर न्याय बोडर् में कायर्वाही की गई।
         प्रकरण में अभियोजन का सफल संचालन एडीपीओ दीपक जमरा द्वारा किया गया।