अवैध रूप से गांजा की खेती कर विक्रय करने वाले आरोपी को तीन वर्ष का कठोर कारावास एवं पच्चीस हजार रूपये का जुर्माना
दीपक शर्मा
पन्ना २६ अक्टूबर ;अभी तक ; अवैध रूप से गांजा की खेती कर विक्रय करने वाले आरोपी को 03 वर्ष का कठोर कारावास एवं 25 हजार रूपये के जुर्माना माननीय श्रीमान इंद्रजीत रघुवंशी विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस एक्ट के न्यायालय सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी पन्ना के ऋषिकांत द्विवेदी के बताये अनुसार घटना संक्षेप में इस प्रकार है कि, दिनांक 06.06.2020 को उपपुलिस अधीक्षक उदित मिश्रा ने थाना गुनौर में इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट लेख किया कि दिनांक 06.06.2020 को मय हमराही बल, स्वतंत्र साक्षी के मय विवेचना किट के रेड कार्यवाही हेतु ग्राम राजापुर रवाना हुआ था जो मौके पर पहुंचकर घेराबंदी कर रामभुवन मिश्रा को पकड़ा, मुखबिर की सूचना से अवगत कराया, स्वयं की तालाश लेने एवं बाड़े की तलाश लेने की सहमती ली जो रामभुवन मिश्रा द्वारा अपनी एवं बाडे की तलाश लेने की सहमति दिया, रामभुवन मिश्रा की तलाशी लेने पर पहनने के कपडो के अलावा कुछ नहीं होना पाया गया, रामभुवन मिश्रा के बाडे की तलाशी ली गई जो आंगन के बाजू में अवैध मादक पदार्थ गांजे के 10 पेड लगे पाये गये। गांजे के 10 पेड़ खुदवाये गये, खुदवाकर पेड़ो को समरस किया गया एवं समरस पंचनामा तैयार किया गया। गवाहों को रगडकर, चखकर, सुंघाकर दिखाया गया जो गवाहों ने मादक पदार्थ गांजा होना बताया। उक्त गांजा लगभग 14 किलो का तथा उसकी कीमत 70 हजार आंकी गई है। संबंधित मामले में पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 8/20 एन.डी.पी.एस. एक्ट के अंतर्गत अभियुक्त रामभुवन मिश्रा के विरूद्ध अभियोग पत्र इस न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। माननीय इंद्रजीत रघुवंशी विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस एक्ट के न्यायालय मे शासन की ओर से पैरवी करते हुए श्री सुनील कुमार द्विवेदी अपर जिला लोक अभियोजक द्वारा दौरान विचारण अभियोजन के साक्ष्य को क्रमबद्ध तरीके से लिपिबद्ध कराकर न्यायालय के समक्ष आरोपी के विरूद्ध आरोप को संदेह से परे प्रमाणित किया तथा आरोपी का कृत्य गंभीरतम होने के कारण उन्हे कठोर से कठोरतम सजा दिये जाने का अनुरोध किया। अभिलेख पर आई साक्ष्य और अभियोजन के तर्को एवं न्यायिक दृष्टांतो से संतुष्ट होते हुए न्यायालय द्वारा आरोपी रामभुवन मिश्रा को धारा-8/20(क)(प) एनडीपीएस एक्ट में 03 वर्ष का कठोर कारावास एवं 25000 रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।