आचार संहिता प्रभावशील होने के कारण इस वर्ष मेला भराये जाने से प्रशासन ने इंकार, इसके बावजूद मेले का आयोजन
आनंद ताम्रकार
बालाघाट ८ दिसंबर ;अभी तक; जिले में वारासिवनी अनुविभागीय मुख्यालय में स्थित रामपायली ग्राम में विगत 150 वर्षो से रामपायली मेला आयोजित किया जा रहा है पौराणिक संदर्भ के अनुसार वनवास के दौरान भगवान श्री राम लक्ष्मण एवं सीता माता रामपायली होते हुये दंडकारण्य क्षेत्र से गई थी रामपायली का राम वन पथ गमन के नक्शे में इसका उल्लेख है यहां पर नागपुर के राजा भोसले द्वारा निर्मित राम मंदिर है जिसके दर्शन के लिये दूर दूर से मेले में लोग आते है।
कालांतर में अब यह मेला जनपद पंचायत वारासिवनी के अंतर्गत विगत कई वर्षों से भराया जा रहा है मेले की व्यवस्था शासकीय तौर पर की जाती है।
लेकिन विधानसभा चुनाव के चलते आचार संहिता प्रभावशील होने के कारण इस वर्ष आधिकारिक तौर पर मेला भराये जाने से प्रशासन ने इंकार कर दिया इसके बावजूद ग्राम के कुछ प्रभावशाली लोगों ने राजनीतिक संरक्षण के चलते मेले का आयोजन किया दुकान लगाने के लिये प्लाट की नीलामी की मेले में लगाये डेकोरेशन के लिये बिजली कनेक्शन दिये गये विगत 27 नवंबर कार्तिक पूर्णिमा के दिन से निरंतर मेला अभी भी जारी है।
इन्हीं विसंगतियों के चलते कल रात्रि में एक गंभीर वारदात घटित हो गई। जिसमें 30 वर्षीय एक नवविवाहिता की चाकू मारकर हत्या कर दी गई।
अगर अधिकारिक तौर मेला भराया जाता और पुलिस प्रशासन व्यवस्था रहती तो इस घटना कारित होने से रोका जा सकता था।
आश्चर्य इस बात पर भी है की 27 नवंबर को आचार संहिता प्रभावशील थी तथा धारा 144 भी लागू कर दी गई थी इसके बावजूद मेले का आयोजन किसके संरक्षण किया गया यह जांच का विषय है।
इस संबंध में अनुविभागीय अधिकारी वारासिवनी सुश्री कामिनी ठाकूर ने अवगत कराया की कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर केवल राम मंदिर में पूजा और अर्चना की अनुमति दी गई थी मेले के आयोजन की अनुमति नहीं दी गई।