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एक-दो-दस दिन तो क्या 10 माह भी ऐसे शिवना शुद्ध नहीं होगी जब तक गन्दे नालों को शिवना में मिलने से डायवर्ट (रोका) नहीं जाएगा
महावीर अग्रवाल
मन्दसौर १० दिसंबर ;अभी तक; कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र के अनुसार प्रथम मुख्य कार्य शिवना शुद्धि का श्री गणेश शिवना शुद्धि के रूप में 8 नवम्बर मंदसौर गौरव दिवस के उपलक्ष्य में श्री पशुपतिनाथ छोटी पुलिया से किया।
पतंजलि योग संगठन जिला प्रभारी बंशीलाल टांक ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि शिवना शुद्धि का अभियान 1-2 वर्षों से नहीं दो दशक से अधिक गायत्री परिवार द्वारा स्वर्गवासी भाई निर्मलजी मण्डोवरा के सद्प्रयासों और नगर के समस्त संगठनों के माध्यम से सम्पूर्ण ग्रीष्म काल तक प्रति रविवार को प्रारंभ किया था। बाद में इसने आंदोलन का रूप लिया। खून जमाने वाली जनवरी-फरवरी की कड़ाके की ठण्ड और कोहरा की परवाह नहीं करते हुए शिवना के गंदे ठण्डे पानी में कमर-छाती तक 2-2 घण्टे तक शिवना प्रेमी भक्तों ने जल में खड़े रहकर जल सत्याग्रह किया था। बीच-बीच में और भी कई सामाजिक-आध्यात्मिक -व्यापारिक आदि संगठन संत महापुरूष-विद्वतजन शिवना शुद्धि अभियान के पवित्र कार्य से जुड़ते चले गये।
इतना ही नहीं माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंहजी चौहान ने स्वयं अपने हाथों से गाद कीचड़ भरी तगारियां उठाई है। ऐसा भी नहीं है कि शिवना शुद्धि केवल समाजजनों के हाथों से गेंती फावड़े से हुआ है बल्कि मशीनों और उसमें भी फोकलेन मशीनांे तक को इसमें जोड़ा है परन्तु नतीजन परिणाम शिवना का कुरूप-दुर्दशा जो 2 दशक पहले थी जस की तस नहीं उससे भी बदतर हो गयी है। इसलिये शिवना शुद्धि का अभियान केवल 1-2-10 दिन अथवा 10 माह तक जारी रखते से तब तक सफल नहीं होगा जब तक कि इसमें मिलने वाले नगर के समस्त गंदे नालों को डायवर्ट अर्थात रोका नहीं जायेगा और इसी कार्य के लिये केन्द्र सरकार ने गत वर्ष 28.91 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की है जिसके लिये क्रियान्वयन ऐजेंसी पीआईयू द्वारा बारिश से पहले कार्य प्रांरभ कर दिया था परन्तु सिवरेज पाईप की कम गोलाई को लेकर जो पाइप लाईन डाली जा रही थी उसके लिये विवाद भी उठा था। 10 मार्च को इस संबंध में नपा अध्यक्ष श्रीमती रमादेवी गुर्जर, हुडको डायरेक्टर श्री बंशीलाल गुर्जर, पार्षदगण, नपा सभापति आदि जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में पशुपतिनाथ प्रबंध समिति की बैठक में निर्माण एजेंसी पीआईयू की संभागीय यंत्री बबीता सोनगर ने योजना के जारी क्रियान्वयन के संबंध में अवगत कराया था। बाद में पीआईयू द्वारा कार्य नहीं सम्हलने की स्थिति में योजना बनाने वाली एपको टीम द्वारा निरीक्षण के समाचार भी मीडिया में प्रकाशित हुए थे।
अब चूंकि बारिश का मौसम विदा हो चुका है। 28.91 करोड़ से अभी तक कितना कार्य हुआ है और शेष संभावित क्या-क्या कार्य किये जाना है निर्माण एजेंसी और नपा को सार्वजनिक रूप से स्पष्ट करना चाहिये जिससे जनता के मन से अनपेक्षित भ्रम-संशय दूर हो सके।