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केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री नरेन्द्रा सिंह तोमर २० मई की विश्वि मधुमक्खी  दिवस के कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगें

आनंद ताम्रकार

बालाघाट १८ मई ;अभी तक;

20 मई 2023 को विश्व मधुमक्खीइ दिवस के अवसर पर राजा भोज कृषि महाविद्यालय मुरझड़, बालाघाट में राष्ट्री य स्त्र का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस आयोजन को लेकर आज 18 मई को कलेक्ट्रे ट सभाकक्ष में कृषि विभाग भारत सरकार के संयुक्ती निदेशक श्री संजीव इंगले ने पत्रकारों से चर्चा कर इस आयोजन के उद्देश्‍यों पर जानकारी दी । भारत सरकार के उद्यानिकी विभाग के अपर आयुक्त एवं राष्ट्रीय मधुमक्खीं बोर्ड के निदेशक डॉ नवीन पटले ने इस अवसर पर वर्चुअली पत्रकारों से चर्चा की और इस आयोजन के प्रचार-प्रसार में सहयोग की अपेक्षा की। इस अवसर पर जिला जनसम्पषर्क अधिकारी अनिल कुमार पटले, आकाशवाणी बालाघाट के श्री धीरज कुमार एवं मीडिया के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
                               संयुक्त निदेशक श्री इंगले ने बताया कि 20 मई को केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री नरेन्द्रा सिंह तोमर राजा भोज कृषि महाविद्यालय मुरझड़ में विश्वि मधुमक्खी  दिवस के कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगें और किसानों को संबोधित करेंगें। कृषि मंत्री श्री तोमर इस अवसर पर मध्यमप्रदेश के दमोह सहित देश के 10 से अधिक राज्योंम में स्थाऔपित हनी टेस्टिंग लैब (शहद प्रसंस्कशरण एवं जांच प्रयोगशाला) का वर्चुअल शुभारंभ करेंगें। इस आयोजन से बालाघाट जिले मे मधुमक्खीक पालन को प्रोत्सामहन मिलेगा। इस आयोजन में एक हजार से अधिक की संख्‍या में देश के विभिन्न् ‍ स्थाखनों से आये मधुमक्‍खी पालन करने वाले पालक सहभागिता करेंगें। इस अवसर पर शहद के उत्पाीदन, प्रोसेसिंग एवं विपणन पर किसानों को जानकारी दी जायेगी और इसकी प्रदर्शनी भी लगाई जायेगी। इस अवसर पर तकनीकी सत्र भी आयोजित होगा, जिसमें मधुमक्खीन पालन एवं शहद उत्पा्दन में चुनौतियों एवं समस्यालओं पर चर्चा की जायेगी और उनके निराकरण पर विचार किया जायेाग। इस कार्यक्रम में मधुमक्खीह पालन एवं शहद उत्पा दन में उत्कृाष्टि कार्य करने वाले लोगों को सम्मारनित भी किया जायेगा।
श्री इंगले ने बताया कि मधुमक्खियों से कई प्रकार का शहद प्राप्तन होता है। बालाघाट जिले में घने वन एवं प्राकृतिक वातावरण मधुमक्खीक पालन के लिए अनुकूल होने के कारण यहां पर शहद उत्पाोदन के क्षेत्र में अच्छीव संभावना है। इससे यहां के किसानों एवं मधुमक्‍खी पालकों को रोजगार मिलने के साथ ही उनकी आय में ईजाफा होगा।

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