गिट्टी की खदानों में की जाने वाली ब्लास्टिंग के कारण समीपवर्तीय रहवासी मकानों में दरारें
आनंद ताम्रकार
बालाघाट 28 सितम्बर ;अभी तक ; जिला मुख्यालय बालाघाट और तहसील मुख्यालय वारासिवनी के बीच स्थित कायदी ग्राम के बनिया टोला और बरबसपुर में गिट्टी की खदानें संचालित की जा रही है। इन खदानों में समय बे समय की जाने वाली ब्लास्टिंग के कारण समीपवर्तीय रहवासी मकानों में दरारें आ गई है और ब्लास्टिंग से उडंकर आने वाले पत्थरों के कारण ग्रामीणजन किसी घटना दुर्घटना की आशंका से भयभीत है।
यह उल्लेखनीय है की बालाघाट जिला नक्सल प्रभावित जिला है जिसके चलते बारूद और उससे बने उत्पाद के प्रयोगों पर पुलिस प्रशासन ने अंकूश लगाया है। इतना ही नही सड़क मार्ग से विस्फोटकों की आवाजाही की जानकारी समीपवर्तीय पुलिस थानों में दिये जाने के निर्देश जारी किये गये है। इसके बावजूद इन खदानों में बिना पुलिस को जानकारी दिये बिना ब्लास्टिंग की जा रही है।
इस संबंध में कायदी ग्राम पंचायत द्वारा अनुविभागीय अधिकारी वारासिवनी तथा जिला कलेक्टर को अनेक शिकायत प्रेषित किये जाने के बावजूद भी अवैध ब्लास्टिंग पर आज तक कोई अंकूश नही लगा।
इन खदानों के आसपास आंगनबडी,प्राथमिक स्कूल,ग्रेसिसियस कालेज, जल संसाधन विभाग की बड़ी नहर और नागरिकों के आवास बने हुये है।
यह जानकारी मिली है की खदान संचालकों द्वारा उनको स्वीकृत क्षेत्र से अधिक क्षेत्र में खदानों में निश्चित गहराई से भी अधिक गहरे क्षेत्र में उत्खनन किया जा रहा है। खदान क्षेत्र से 33 किलोवाट की बिजली लाइन भी गुजर रही है जो कभी भी ब्लास्टिंग की चपेट में आ सकती है। जिन क्षेत्रों में खुदाई की गई है वहां बरसात का पानी गड्ढों में भरा हुआ है जिसके कारण कभी भी जनहानि होने की संभावना बनी हुई है। इन खदानों में तीव्र गति और अधिक क्षमता वाले विस्फोटकों से ब्लास्टिंग की जा रही है जिसके कारण रहवासी इलाके में कंपन महसूस होता है।
इन विसंगतियों के चलते शिकायत किये जाने के बावजूद जिला प्रशासन द्वारा कायदी गिट्टी खदानों में रात और दिन में समय बे समय किये जाने वाले अवैध उत्खनन नियम विरूद्ध ब्लास्टिंग एवं खाई नूमा खदानों में मजदूरों से काम लिये जाने की शिकायतों पर कोई कार्यवाही ना किया जाने से ग्रामीणों में असंतोष और वे भयभीत है की कहीं कोई जानमाल का कोई बड़ी नुकसानी ना हो जाए।